30 वर्ष की उम्र तक मेटाबोलिक रेट ऐसी होती है कि सब पच जाता है। इसके बाद यदि अधिक खाते हैं तो फैट और कोलेस्ट्रॉल के रूप में जमा होता है। इससे हार्ट डिजीज की आशंका बढ़ती है।
40 मिनट व्यायाम करें
रोजाना 40 मिनट व्यायाम करें। इससे शरीर में जमा बैड कोलेस्ट्रॉल घटता व गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। व्यायाम से स्ट्रेस लेवल भी घटता। 40 मिनट की ब्रिस्क (तेज) वॉक ज्यादा फायदेमंद है।
स्ट्रेस (तनाव) से बचें
तनाव से हार्मोन-एंजाइम्स का संतुलन गड़बड़ाता। डिप्रेशन, हाई बीपी हो सकता है। अनुलोम-विलोम व प्राणायम से ऑक्सीजन ज्यादा मिलती है। अच्छा महसूस होने हार्मोन्स बढ़ते हैं ।
समय से कराएं स्क्रीनिंग
30 वर्ष की उम्र के बाद रिस्क असेसमेंट करवाना चाहिए। जिनकी फैमिली हिस्ट्री में बीपी, किडनी और हाई कोलेस्ट्रॉल है वे हाई रिस्क श्रेणी में आते। साल में एक बार जांच करानी चाहिए।
लिक्विड कुकिंग ऑयल खाएं
कुकिंग ऑयल में सरसों, अलसी, सूरजमुखी, रिफाइंड, ऑलिव ऑयल का प्रयोग कर सकते हैं। वनस्पति ऑयल के प्रयोग से बचें। रोजाना 15 मिलीलीटर (एमएल) ऑयल ले सकते हैं।
मरीज दूध कम लें
हार्ट के मरीज हैं तो डॉक्टरी सलाह पर ही दूध की मात्रा निर्धारित करें। अधिक दूध पीने से ट्राई ग्लिसराइड बढ़ सकता है। इससे कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ता है।
रात 8 बजे से पहले डिनर
सोने से 3-4 घंटे पहले ही डिनर कर लें या रात आठ बजे से पहले खा लें। अक्सर रात में लोग ज्यादा खाते हैं। यह पाचन और हृदय दोनों के लिए नुकसानदायक होता है।
वजन बढ़ते ही कंट्रोल करें
नियमित रूप से अपना वजन चेक करते रहें क्योंकि यदि बढ़ते वजन को शुरुआत में ही डाइट व व्यायाम से नियंत्रित कर लिया जाए तो यह हृदय व अन्य रोगों से बचाव कर सकता है।
डॉ. नरेश त्रेहान, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, नई दिल्ली