
युवाओं में स्टेरॉइड लेने व नशे से जल्दी खराब हो रहे हैं कूल्हे के जोड़
युवाओं में कम उम्र में ही कूल्हे के जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगी है। इसकी वजह स्टेरॉइड लेना, धूम्रपान व अल्कोहल का नशा है। इससे शरीर में कैल्शियम की मात्रा तेजी से कम होने लगती है और जोड़ों में दिक्कत होने लगती है।
कूल्हे का जोड़ हमारे शरीर का वजन सहने वाले प्रमुख जोड़ों में से एक है। यह जांघ की हड्डी (फीमर) व कूल्हे की हड्डी (पेल्विस) से जुड़ा रहता है। यह पैरों या टांगों को मोडऩे, घुटनों के बल बैठने या घुमाने में सहायता करता है। 10 फीसदी भी वजन बढऩे पर कूल्हे और पर दबाव पड़ने लगता है। कूल्हे में दर्द है तो उठने-बैठने में सावधानी रखें। पीठ पर ज्यादा भार न रखें। जब तक दर्द से राहत न मिले तब तक अपने कूल्हों को पूरा आराम दें। मांसपेशियों को मजबूत बनाने और जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए हल्की एक्सरसाइज करें। भारी व्यायाम करने से बचें। इनसे आराम मिलता है।
आर्थराइटिस भी कारण
कूल्हों में खराबी आर्थराइटिस से भी हो सकती है। रूमेटाइड आर्थराइटिस होने पर स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है। यह एक ऑटो-इम्यून डिजीज है। इसमें जोड़ों में सूजन होती है। इसके बाद से धीरे-धीरे जोड़ खराब होने लगते हैं। यह समस्या कम उम्र के लोगों में हो सकती है।
हल्की खराबी में दवा और फिजियोथैरेपी
कूल्हे के जोड़ में थोड़ी खराबी है तो दवा और फिजियोथैरेपी से आराम मिलता है। लेकिन परेशानी बढऩे पर कूल्हे का जोड़ बदलना पड़ता है। युवाओं में जोड़ प्रत्यारोपण करते समय ध्यान रखते हैं कि ऐसे जोड़ लगाएं जो लंबे समय तक चले और सर्जरी के बाद मरीज को दिक्कत न हो। आजकल उच्च गुणवत्ता के ऑक्सीडाइज्ड जिरकोनियम इम्प्लांट्स आते हैं, जो कोबाल्ट व निकल धातु के इंप्लांट से अधिक चलते हैं। कुछ मरीजों में इंप्लांट लगवाने से एलर्जी की आशंका रहती है। ऐसे में एलर्जी टेस्ट कराकर ही इंप्लांट लगवाएं।
डॉ. अनूप झुरानी, सीनियर जॉइंट सर्जन, फोर्टिस हॉस्पिटल, जयपुर
Published on:
03 Jan 2021 10:08 pm
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