शशकासन करें- यह आसन करने के लिए आपको वज्रासन की स्थिति में बैठकर घुटनों को मोड़कर पैर के पंजों पर बैठना है। फिर सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। इसके बाद साथ छोड़ते हुए धीरे-धीरे सामने की ओर झुकते जाए। इस दौरान आपकी गर्दन झुकी हुई होगी और सिर को भी मैट से टच करें। इस स्थिति में आपको 15 से 20 सेकंड या क्षमता अनुसार रहना है। इससे आपके शरीर भी स्फूर्ति रहेगी। तनाव, परेशानी दूर होगी।मन शांत रहेगा, पेट से संबंधित रोग भी नहीं होंगे।
यह आसान बहुत आसान है। इसे रोजाना करने से आपको किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। समय भी कम लगेगा और इसमें आपको बहुत अधिक मेहनत भी नहीं करना है। इसका रोजाना अभ्यास करने से आपकी रीढ़ की हड्डियां मजबूत रहेगी। हिप्स, थाइज और पेट का फैट भी कम होगा। कंधे, गर्दन और हाथ दर्द की समस्या भी नहीं रहेगी।
यह सावधानी बरतें – शशकासन करते समय आपको यह सावधानियां रखनी होगी। अगर सर्वाइकल पेशेंट है तो सिर के नीचे तकिया रखकर करें। बीपी और हार्ट पेशेंट इसे बहुत ज्यादा देर तक नहीं करें। गर्दन शरीर के लेवल से नीचे नहीं जाना चाहिए। स्लिप ***** वालों को यह आसन नहीं करना चाहिए और अगर आसन को करते वक्त आपके शरीर के किसी हिस्से में दर्द बढ़ रहा है। तो भी यह आसन नहीं करे। इसी के साथ आप यह आसन किसी योग गुरु के सानिध्य में करें। तो बहुत ही फायदेमंद रहेगा।