
Digestion
Digestion : हमारा खानपान ही हमारी हेल्थ के बारे में डिसाइड करता है। सही खानपान का सही समय पर उपयोग ही हमारी सेहत और पाचन (Digestion) के लिए जरूरी होता है। इसलिए हल्थ एक्सपर्ट्स सही समय पर उचित आहार का सेवन करने की सलाह देते हैं। हमें बताया जाता है कि नाश्ता हमेशा भारी और रात का खाना हल्का होना चाहिए। लेकिन सही समय पर खाने की जानकारी बहुत कम लोग रख पाते हैं। लोगों को रात्रि के भोजन के बारे में सही जानकारी नहीं होती है इसके कारण लोग पेट की समस्या से परेशान नजर आते हैं।
कहा जाता है कि यदि आपकी नींद पूरी हो रही है और पाचन (Digestion) सही रह रहा है तो आप अनेक बीमारियों से बच सकते हैं। लेकिन यदि आपकी ये दोनों ठीक नहीं है तो इसके लिए रात्रि भोजन को जिम्मेदार ठहराया जाता है। रात के खाने में हम क्या खाते हैं, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी पर हमारी सर्केडियन साइकिल और आंतों का स्वास्थ्य निर्भर करता है।
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खाने के बाद मीठा खाने की आदत के कारण लोग अक्सर डेजर्ट या चॉकलेट का सेवन करते हैं। यह तेजी से रक्त में शुगर का स्तर बढ़ाता है और अतिरिक्त ऊर्जा उत्पन्न करता है, जो रात में सोते समय उपयोगी नहीं होती। इस कारण से यह ऊर्जा शरीर में वसा के रूप में जमा हो जाती है, जिससे वजन (Digestion) बढ़ने की समस्या उत्पन्न होती है।
फैटी डीप फ्राई और मसालेदार खाद्य पदार्थ आंतों के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, और रात के समय इनका सेवन करने से ब्लोटिंग, अपच, एसिडिटी (Digestion) और सीने में जलन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसका कारण यह है कि रात के समय इन खाद्य पदार्थों को पचाना आंतों के एंजाइमों के लिए अत्यंत कठिन होता है।
कैफीन युक्त चाय या कॉफी सर्केडियन रिदम को गंभीर रूप से प्रभावित करती है, जिससे जागने का समय बढ़ जाता है और सतर्कता में वृद्धि होती है। इसलिए, सोने से 8 घंटे पहले तक कैफीन का सेवन न करना बेहतर है।
कार्बोहाइड्रेट या स्टार्च की अत्यधिक खपत से शुगर और इन्सुलिन में वृद्धि होती है, क्योंकि कार्ब्स का मेटाबोलिज्म होकर शुगर में परिवर्तन होता है, जो ऊर्जा के लिए जलाया जाता है और अंततः वजन बढ़ाने का कारण बनता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
08 Nov 2024 12:02 pm
Published on:
08 Nov 2024 11:39 am
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