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गर्भाशय में गांठ के लिए फायदेमंद है होम्योपैथी उपचार

locationजयपुरPublished: Aug 04, 2020 10:32:32 pm

फाइब्रॉइड्स यूट्रस की वे गांठें हैं जो इसके अंदर या बाहरी किनारों पर होती हैं। ये गांठें कैंसर की नहीं होती।

गर्भाशय में गांठ के लिए फायदेमंद है होम्योपैथी उपचार

Uterine fibroids: Symptoms and causes

अब महिलाओं के गर्भाशय में गांठें या फाइब्रॉइड्स एक आम समस्या बन चुकी है। इसी वजह से अधिकतर महिलाओं को 40 की उम्र के बाद और कुछ को इससे भी कम उम्र में ही गर्भाशय निकलवाना पड़ता है। फाइब्रॉइड्स यूट्रस की वे गांठें हैं जो इसके अंदर या बाहरी किनारों पर होती हैं। ये गांठें कैंसर की नहीं होती।

समस्याएं: पीरियड्स ज्यादा दिन तक होना, अत्यधिक रक्तस्राव, पेट के निचले हिस्से का फूला रहना, कब्ज, अधिक बड़ा फाइब्रॉइड्स होने पर बार-बार पेशाब आना आदि। इनके समाधान के लिए गर्भाशय को निकाल दिया जाता है जिससे महिलाओं में डिप्रेशन, जोड़ों में दर्द, मोटापा और माइग्रेन की समस्या हो जाती है।

ये हैं दवाइयां –
होम्योपैथी दवा से गर्भाशय को बचाया जा सकता हैै। फाइब्रॉइड्स के इलाज में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख होम्योपैथी दवाएं सीपिया, केल्केरिया कार्ब, सेबाइना, लिलियम टिगलिनम, अस्टीलेगो माइडस, म्यूरेक्स, केल्केरिया फ्लोर व साइलीशिया हैै। लेकिन इन दवाओं के सेवन बिना डॉक्टरी सलाह के न करें।

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