
Viral meningitis outbreak
Kochi school meningitis cases : कोच्चि के सेंट पॉल्स इंटरनेशनल स्कूल के पांच छात्रों में वायरल मेनिनजाइटिस (Viral Meningitis) की पुष्टि हुई है। सभी प्रभावित बच्चे स्थानीय अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग इस संक्रमण के स्रोत का पता लगाने के लिए पानी के नमूनों की जांच कर रहा है।
वायरल मेनिनजाइटिस एक रोग है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को घेरने वाली झिल्ली (मेनिंजेस) की सूजन के कारण होता है। यह विभिन्न वायरसों के कारण होता है।
कोच्चि के कलामस्सेरी स्थित सेंट पॉल्स इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले 7-8 वर्ष के पांच बच्चों को बुधवार को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकीय जांच के बाद डॉक्टरों ने वायरल मेनिनजाइटिस की पुष्टि की।
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्कूल को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है। साथ ही, प्रभावित छात्रों के सीरम सैंपल जाँच के लिए नेशनल वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट, अलप्पुझा भेजे गए हैं।
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कोई भी व्यक्ति मेनिनजाइटिस से प्रभावित हो सकता है, लेकिन यह छोटे बच्चों में अधिक आम है।
बुखार
ठंड लगना
सिरदर्द
गर्दन में जकड़न
मतली और उल्टी
रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
भूख न लगना
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
डबल विजन (दो चीजें दिखना)
वायरल मेनिनजाइटिस फैलाने वाले वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या खराब स्वच्छता के कारण फैल सकते हैं।
जटिलताएं:
वायरल मेनिनजाइटिस में जटिलताएं कम होती हैं, लेकिन यह बच्चों में गंभीर असर डाल सकता है जैसे:
दृष्टि और सुनने की हानि
याददाश्त से जुड़ी समस्याएं
संतुलन में गड़बड़ी
सीखने में कठिनाई
मेनिनजाइटिस बैक्टीरिया और फंगस के संक्रमण से भी हो सकता है।
जिन बच्चों को सर्दी या बुखार के लक्षण हों, वे स्कूल न जाएं।
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
"वायरल मेनिनजाइटिस मुख्य रूप से संपर्क के माध्यम से फैलता है। हालांकि यह खतरनाक नहीं है, लेकिन फिर भी सावधानी बरतना आवश्यक है क्योंकि कोई भी अपने बच्चे को मस्तिष्क के संक्रमण से ग्रस्त नहीं देखना चाहता।"
— डॉ. राजीव जयदेवन, चेयरमैन, रिसर्च सेल, आईएमए-केरल
डॉ. डेविडसन डेवासिया, जो कि आस्टर मेडसिटी अस्पताल में दो छात्रों का इलाज कर रहे हैं, ने ब्रेन फ्लूइड टेस्ट द्वारा इस संक्रमण की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि यह बच्चों में आम है और घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, शुरुआती कुछ मामलों में गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) में इलाज की जरूरत पड़ी।
स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण के संभावित स्रोत का पता लगाने के लिए स्कूल परिसर और आसपास के क्षेत्रों से पानी के नमूने इकट्ठा किए हैं।
स्कूल प्रबंधन ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। प्रधानाचार्या सुनीथा बिनू सैमुअल के अनुसार, शुरुआत में एक छात्र में लक्षण दिखे, जिसके बाद संभावना है कि यह संक्रमण छात्रों के आपसी संपर्क से फैला हो।
स्वास्थ्य विभाग स्कूल और आसपास के क्षेत्र में सर्विलांस तेज कर रहा है।
शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर हनी जी अलेक्जेंडर ने कहा कि वे जिला चिकित्सा अधिकारी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों से संपर्क में रहने और किसी भी नए लक्षण की तुरंत जानकारी देने को कहा है।
हालांकि वायरल मेनिनजाइटिस घातक नहीं होता, लेकिन यह छोटे बच्चों में तेजी से फैल सकता है। इस संक्रमण से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता, संक्रमित लोगों से दूरी और स्वच्छ जल का सेवन आवश्यक है।
अगर किसी बच्चे में सिरदर्द, बुखार, या उल्टी जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Published on:
14 Mar 2025 12:26 pm
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