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Virat Kohli Herniated Disc: विराट को हुई थी ये बीमारी, चलना-फिरना था मुश्किल, जानिए उस बीमारी के लक्षण व कारण

Virat Kohli Herniated Disc: आईपीएल 2025 में जीत के बाद विराट कोहली एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वे हर्नियेटेड डिस्क जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। यहां जानिए यह बीमारी क्या होती है, इसके लक्षण, कारण और इलाज क्या हैं।

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भारत

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Nisha Bharti

Jun 04, 2025

Virat Kohli Herniated Disc

Virat Kohli Herniated Disc प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो क्रेडिट- पत्रिका)

Virat Kohli Herniated Disc: विराट कोहली ने IPL 2025 के फाइनल में RCB की ऐतिहासिक जीत ने करोड़ों फैन्स का सपना पूरा कर दिया। विराट कोहली एक बार फिर मैदान पर चमके और साबित कर दिया कि मुश्किल दौर चाहे जितना भी गहरा हो, हौसले के आगे झुकना पड़ता है। लेकिन इस चमकते सितारे के पीछे एक ऐसा वक्त भी था, जब वो दर्द से इतना टूट चुके थे कि चलना-फिरना तक मुश्किल हो गया था।

साल 2018 में विराट (Virat Kohli) को हर्नियेटेड डिस्क नाम की गंभीर बीमारी हो गई थी, जिसने उनकी फिटनेस और करियर दोनों को चुनौती दी। आइए जानते हैं ये बीमारी क्या होती है, इसके लक्षण, कारण और इलाज क्या है।

हर्नियेटेड डिस्क क्या होती है?

हमारी रीढ़ की हड्डी में कई हड्डियां होती हैं और उनके बीच में गद्दे जैसे डिस्क होते हैं जो रीढ़ को लचीला बनाते हैं। जब इनमें से कोई डिस्क अपनी जगह से खिसक जाती है या फट जाती है तो उसे हर्नियेटेड डिस्क कहते हैं। इससे नसों पर दबाव पड़ता है और कमर या गर्दन में तेज़ दर्द होता है। कई बार ये दर्द हाथ-पैर तक भी फैल जाता है। ये समस्या ज्यादातर कमर के निचले हिस्से या गर्दन में होती है।

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विराट कोहली को ये बीमारी कैसे हुई?

विराट ने बताया था कि साल 2018 में इंग्लैंड दौरे पर उन्हें अचानक पीठ में काफी तेज दर्द होने लगा। शुरुआत में तो उन्होंने सोचा ये मामूली खिंचाव होगा, लेकिन जब दर्द बढ़ता गया और चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया, तब जांच के बाद पता चला कि उन्हें हर्नियेटेड डिस्क की समस्या है। लगातार एक्सरसाइज, मैच और ट्रेनिंग के दौरान शरीर पर बहुत दबाव पड़ा, जिससे ये बीमारी हो गई।

इस बीमारी के लक्षण क्या होते हैं?

इस बीमारी में सबसे आम लक्षण होता है पीठ या गर्दन में दर्द। इसके अलावा कई बार हाथ या पैरों में सुन्नपन आने लगता है, झुनझुनी होती है और मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होती है। चलने, बैठने या लेटने में भी परेशानी होती है। अगर ये डिस्क कमर में हो तो दर्द पैर तक फैल सकता है। और अगर गर्दन में हो तो हाथों में असर दिखता है।

ये बीमारी क्यों होती है?

हर्नियेटेड डिस्क कई वजहों से हो सकती है। उम्र बढ़ने के साथ रीढ़ की लचक कम हो जाती है और डिस्क सूखने लगते हैं। भारी वजन उठाना, गलत तरीके से बैठना या झुकना, लंबे समय तक एक ही पोजिशन में बैठे रहना भी इसकी वजह बन सकते हैं। कई बार अधिक मेहनत करने वाले खिलाड़ी या लोग जिन्हें बार-बार झुकना या उठना पड़ता है, उन्हें भी ये दिक्कत हो जाती है।

इसका इलाज कैसे होता है?

शुरुआती दौर में इस बीमारी का इलाज आराम, दवाइयों और फिजियोथेरेपी से किया जाता है। डॉक्टर हल्के एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग बताते हैं जिससे नसों पर दबाव कम हो। कुछ लोग गर्म पानी की सिकाई या ठंडी पट्टी से भी आराम पाते हैं। अगर दर्द ज्यादा हो और लम्बे समय तक बना रहे तो सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है। विराट कोहली ने समय रहते इलाज कराया और अब एक एकदम फिट हो गए हैं।