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World Stroke Day 2023: आंखों से ​धुंधला दिखना, जी मचलाना, हिचकी आना…बेहद साधारण से लक्षण भी हो सकते हैं स्ट्रोक के संकेत, गोल्डन आवर से न चूकें

World Stroke Day 2023: कोरोना के बाद बढ़ा स्ट्रोक का खतराभारत में हर साल 18 लाख से अधिक लोग ब्रेन स्ट्रोक का हो रहे शिकार 35 से 50 आयु वर्ग वाले लोगों में भी बढ़े स्ट्रोक के मामले

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जयपुर

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Jaya Sharma

Oct 28, 2023

स्ट्रोक के लक्षण कई बार बेहद सामान्य तो कई बार बेहद गंभीर रूप से नजर आते हैं,

World Stroke Day 2023: आंखों से ​धुंधला दिखना, जी मचलाना, हिचकी आना...बेहद साधारण से लक्षण भी हो सकते हैं स्ट्रोक के संकेत, गोल्डन आवर से न चूकें

यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो हॉस्पिटल के अध्ययन के अनुसार युवाओं में स्ट्रोक का खतरा पहले से अधिक बढ़ गया है, 35 से 50 आयु वर्ग वाले लोगों में स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण बदलती लाइफस्टाइल बताया जा रहा है। स्ट्रोक के लक्षण कई बार बेहद सामान्य तो कई बार बेहद गंभीर रूप से नजर आते हैं, यह आपात स्थिति होती है, सही समय इलाज मिले तो व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। ऐसे में स्ट्रोक आने के कुछ घंटे गोल्डन आवर माने जाते हैं, जिस समय यदि व्यक्ति को उचित इलाज मिले तो स्ट्रोक की स्थिति से उबर सकता है।
जब दिमाग की कोई नस ब्लॉक हो जाती है तो ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) आता है। लेकिन इससे पहले मिनी ब्रेन स्ट्रोक भी आता है, इसके लक्षण बेहद हल्के होते हैं, जिन्हें वक्त पर पहचानकर बड़े अटैक से बच सकते हैं। इन्हें ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक भी कहते हैं। वर्ल्ड स्ट्रोक डे पर जानिए इसके लक्षण।

72 प्रतिशत भारतीयों के किसी ना किसी एक रिश्तेदार में गंभीर लक्षण
एक अनुमान के मुताबिक भारत में मृत्यु के दूसरे सबसे आम कारणों में स्ट्रोक है, इस पर ध्यान देने की जरूरत है। सोशल मीडिया कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स की ओर से पिछले दिनों किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 72 प्रतिशत भारतीयों के करीबी नेटवर्क में एक या एक से अधिक व्यक्ति ऐसे हैं, जिन्होंने कोविड के बाद से पिछले साढ़े तीन वर्षों में हृदय, मस्तिष्क स्ट्रोक या कैंसर की स्थिति झेली हैै। हालांकि ऐसी स्थितियों के मूल कारण का अभी पता नहीं चल सकता है, लेकिन पिछले वर्ष ही 20 प्रतिशत से अधिक लोगों के करीबी नेटवर्क में ऐसे मामले सामने आए थे।

क्यों मनाया जाता है स्ट्रोक डे
हर साल 29 अक्तूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है। साल 2004 में सबसे पहले कनाडा में वर्ल्ड स्ट्रोक कांग्रेस ने इस दिन को मनाया। दो साल बाद वर्ष 2006 में इस दिन को जन जागरूकता के लिए घोषित किया गया। साल 2006 में वर्ल्ड स्ट्रोक फेडरेशन और इंटरनेशनल स्ट्रोक सोसाइटी के विलय के साथ वर्ल्ड स्ट्रोक संगठन स्थापित हुआ। तब से विश्व स्ट्रोक संगठन (डब्ल्यूएसओ) इस दिन को मनाता है। इस वर्ष विश्व स्ट्रोक दिवस की थीम 'Together We Are Greater Than Stroke' (एक साथ मिलकर हम स्ट्रोक से भी बड़े हैं।) यह विषय उच्च रक्तचाप, अनियमित दिल की धड़कन, धूम्रपान, आहार और व्यायाम जैसे जोखिम कारकों की रोकथाम पर जोर देता है।

स्ट्रोक के गंभीर संकेत
चेहरे, हाथ या पैर का अचानक सुन्न होना या कमजोरी, खासकर शरीर के एक तरफ।
अचानक भ्रम, बोलने में परेशानी।
एक या दोनों आंखों में देखने में अचानक कठिनाई।
अचानक चलने में परेशानी, संतुलन बिगड़ना।
बिना किसी ज्ञात कारण के अचानक तेज सिरदर्द।

स्ट्रोक के साधारण संकेत
दिन में नींद आना
हिचकी आना
जी मचलाना
चक्कर आना

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।