
Mental Health Tips (photo- freepik)
Mental Health Tips: एंग्जायटी (Anxiety) अक्सर बिना चेतावनी के आ जाती है। न कोई अलार्म, न कोई साफ संकेत। बस अचानक मन में ऐसे विचार घूमने लगते हैं जिन्हें रोक पाना मुश्किल हो जाता है। दिल तेज़ धड़कने लगता है, सांस उथली हो जाती है और दिमाग भविष्य की चिंताओं में फंस जाता है।
लंबे समय के लिए थेरेपी और सपोर्ट जरूरी होते हैं, लेकिन कुछ पल ऐसे होते हैं जब तुरंत खुद को संभालना सबसे जरूरी होता है। ऐसे ही समय में 5-4-3-2-1 ग्राउंडिंग तकनीक एक आसान और असरदार तरीका बन सकती है।
यह एक सेंसरी-बेस्ड (इंद्रियों पर आधारित) माइंडफुलनेस एक्सरसाइज है। इसका मकसद न तो आपके विचारों से लड़ना है और न ही उन्हें बदलना, बल्कि आपको वर्तमान पल से दोबारा जोड़ना है। जब हम घबराहट में होते हैं, तो हमारा दिमाग क्या होगा? में उलझा रहता है। यह तकनीक धीरे-धीरे ध्यान को बाहर की दुनिया पर लाती है। जो आप देख, सुन, महसूस कर सकते हैं। इसकी सबसे खास बात ये है कि इसे कहीं भी किया जा सकता है। इसमें कोई खर्च नहीं होता। साथ ही इसे करने में कुछ ही मिनट लगते हैं, और यह तुरंत असर दिखा सकती है
जब एंग्जायटी बढ़ती है, तो हमारा शरीर फाइट-या-फ्लाइट मोड में चला जाता है। इससे दिल की धड़कन तेज होती है। सांसें छोटी हो जाती हैं। मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। 5-4-3-2-1 तकनीक दिमाग को संकेत देती है कि अभी आप सुरक्षित हैं। इंद्रियों पर ध्यान देने से दिमाग का वह हिस्सा एक्टिव होता है जो शांति और संतुलन से जुड़ा है। इससे शरीर धीरे-धीरे रिलैक्स मोड में लौटने लगता है। यही कारण है कि कई मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे पैनिक अटैक, तीव्र घबराहट, ओवरथिंकिंग के दौरान एक इमरजेंसी टूल की तरह सिखाते हैं।
यह उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जिन्हें अचानक एंग्जायटी या पैनिक महसूस होता है। जो ओवरथिंकिंग से जूझते हैं। ऑफिस, परीक्षा या भीड़ में घबराने वाले लोग। नींद से पहले बेचैनी महसूस करने वाले लोग शामिल है। यह इलाज का विकल्प नहीं है, लेकिन तुरंत खुद को संभालने का भरोसेमंद तरीका जरूर है।
एंग्जायटी आपकी कमजोरी नहीं है। और खुद को शांत करना कोई जादू नहीं, बल्कि एक सीखने योग्य स्किल है। जब भी मन बेकाबू लगे, बस रुकिए… सांस लीजिए… और 5-4-3-2-1 से वापस अभी और यहीं में लौट आइए।
Published on:
18 Dec 2025 09:43 am
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
