
Yoga to Reduce Cholesterol: कोलेस्ट्रॉल के बारे में सोचते ही आप घबरा जाते होंगे, कोलेस्ट्रॉल बढ़ा मतलब दिल का दौरा, डायबिटीज (Diabetes) जैसी खरतनाक बीमारियों का ही ख्याल मन में आता होगा, लाजमी है। क्योंकि शरीर की नसों में अगर वसा जमा होने लगे तो यही बीमारियां घर करती हैं। हम आपको आज बताएंगे कैसे नेचुरल तरीका (Natural way to reduce cholesterol) यानी योगासन (Yoga) से आप इससे निजात पा सकते हैं और शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक तैलीय पदार्थ है। पाचन क्रिया को सहज बनाने हॉर्मोन और विटामिन डी को बनाने के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत है। कोशिकाओं की दीवार के निर्माण में भी कोलेस्ट्रॉल सहायक है। आपका रक्त कोलेस्ट्रॉल को लिपो-प्रोटीन नाम के छोटे छोटे कणों के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाता है। लौ डेंसिटी लिपोप्रोटीन या LDL एक हानिकारक कोलेस्ट्रॉल है हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन या HDL एक अच्छा कोलेस्ट्रॉल है।
बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए सर्वांगासन योग किया जा सकता है। पेट के अंगों को उत्तेजित करता है।
पाचन को बेहतर करता है। अंतःस्त्रावी प्रणाली (endocrine system) को चलने में मदद करता है।
पश्चिमोत्तासन
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए पश्चिमोत्तासन भिओ काफी अच्छा साबित हो सकता है। इसे करने के लिए पैर सीधे करके बैठें, फिर सांस छोड़ते वक्त धीरे-धीर आगे की ओर झुकें। कुछ सेकेंड के बाद सीधे हो जाएं, ऑपरेशन, डायरिया, प्रेग्नेंसी, अस्थमा की समस्या होने पर ये आसन ना करें
शलभासन
पेट, जंघा, कमर और कूल्हों से वसा कम करने में मदद करता है। शलभासन से पेट में खिंचाव आता है और पेट के अंगों में उत्तेजना होती है।कब्ज़ को दूर करने में सहायक है। नियमित मल त्याग से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो सकती है।
चक्रासन
चक्रासन से पेट के अंगों की मालिश होती है और पाचन को ठीक करता है।कब्ज़ दूर करने में सहायक है। यकृत के कार्य को और सुचारू करता है जोकि अतिरिक्त वसा और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक है।
कुछ प्राणायम भी कोलेस्ट्रॉल कम करने में कपाल भारती (Pranayam reduces Cholesterol)
प्राणायम बहुत ही लाभकारी है । पेट को अंदर बाहर खींचे और श्वासों का ध्यान दें। लगातार करें और थकावट होने पर रोक दें, ये आसन किसी एक्सपर्ट कि देखरेख में करें। ब्लडप्रेशर, माइग्रेन, प्रेग्नेंसी और पीरियड्स के दौरान
कपालभाति प्राणायाम करने से बचना चाहिए
Updated on:
17 Feb 2024 11:09 am
Published on:
17 Feb 2024 10:27 am
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
