जयपुरPublished: Jun 14, 2019 05:59:24 pm
Ramesh Singh
21 जून का विश्व योग दिवस है। योग के लिए मैट का चयन करते समय ध्यान दें, क्योंकि गलत योग मैट से एलर्जी हो सकती है।
योग डे स्पेशल : सोच—समझकर योग मैट का करें चयन, नहीं तो एलर्जी की दिक्कत
हाल ही चेन्नई बेस्ड योग टीचर पूजा बोर्कर ने योग मैट पर फिसलने और इनमें से आने वाली बदबू से होने वाली परेशानियों का सामना करने के बाद नए तरह के मैट के प्रयोग का विचार बनाया है। उन्होंने प्राकृतिक रबड़ और कॉर्क पेड़ की छाल से बने मैट का प्रयोग फायदेमंद माना है। फिजिशियन से जानें मैट के प्रयोग व उसके नुकसान के बारे में-
एक्सपर्ट कमेंट : पॉलिविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) केमिकल से बने प्लास्टिक से कुछ समय बाद बदबू आने लगती है। योगाभ्यास के दौरान नियमित इसके संपर्क में आने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। सबसे ज्यादा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है। इससे थकान, सिरदर्द, चक्कर आने जैसी समस्याएं होती है। रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में दिक्कत से सांस लेने में तकलीफ, खांसी, सांस नली में सूजन, सीने में भारीपन व सिकुडऩ हो सकती है। आंखों के ज्यादा संपर्क में आने से पानी आने और लंबे समय से संपर्क में रहने से लिवर कैंसर हो सकता है। इनके बजाय प्राकृतिक रबड़, कॉर्क पेड़ की छाल के अलावा जूट व खादी से बने मैट बेहद उपयोगी हैं।
एक्सपर्ट : डॉ. बृजेश चंद्र शर्मा, चीफ मेडिकल ऑफिसर, प्राकृतिक चिकित्सालय, जयपुर