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राजनीतिक दबाव के चलते IFFI में शामिल की गई थी द कश्मीर फाइल्स, नदाव लापिड का दावा

Published: Dec 01, 2022 02:39:04 pm

Submitted by:

Vandana Saini

हाल में इजरायली फिल्ममेकर नदाव लापिड (Nadav Lapid) ने हाल में IFFI के दौरान फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की सुपरहिट फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को ‘वल्गर’ बताया। साथ ही उनका ये भी दावा है कि फिल्म को राजनीतिक दबाव के चलते IFFI में शामिल किया गया।

Nadav Lapid Claims The Kashmir Files

Nadav Lapid Claims The Kashmir Files

हाल में गोवा में आयोजित हुए 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) जूरी हेड और इजरायली फिल्ममेकर नदाव लापिड (Nadav Lapid) ने बॉलीवुड फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की सुपरहिट फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को लेकर काफी कुछ कहा। नदाव लापिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ घटिया और प्रोपगेंडा बताया था, जिसके बाद सोशल मीडिया रर नदाव लापिड (Nadav Lapid On The Kashmir Files) को काफी विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। इतना ही नहीं खबरों की माने तो उनके खिलाफ शिकायर्त कर दर्ज करवाई गई है। इतना ही नहीं इस मामले ने अब इतना तूल पकड़ लिया है कि फिल्ममेकर नदाव बुरी तरह से विवादों में घिर चुके हैं। हालांकि, नदाव ने अब अपने बयान के लिए माफी भी मांगी है।

https://twitter.com/SupriyaShrinate/status/1597287749328859136?ref_src=twsrc%5Etfw

माफी मांगते हुए नदाव का कहना है कि ‘वो किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते थे’। हाल में अपने एक एक इंटरव्यू के दौरान नदाव ने फिल्म को लेकर अपने बयानों पर सफाई दी और साथ ही किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए माफी (Nadav Lapid Apologized) मांगी। नदाव ने कहा कि ‘वह किसी का या उनके रिश्तेदारों जिन्होंने कश्मीर में उस दर्द को झेला है। किसी का अपमान नहीं करना चाहते थे’।

नदाव लापिड (IFFI Jury Nadav Lapid) ने कहा कि ‘उन्हें पता चला है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ को राजनीतिक दबाव के चलके फेस्टिवल में शामिल किया गया था’। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘उनका ये मानना था कि इसके खिलाफ बोलना उनका कर्तव्य बनता है’। हालांकि, सोशस मीडिया पर उनकी इस बात और दावे को लेकर भी काफी कुछ चल रहा है।

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नदाव ने कहा कि ‘हमें पता चला कि फिल्म को राजनीतिक दबाव के कारण भारत में सबसे बड़े उत्सव की आधिकारिक प्रतियोगिता में लाया गया था। इसलिए मुझे लगता है कि एक विदेशी के रूप में जो वहां जाता है। आपका दायित्व है कि आप उन चीजों को कहें जो वहां रहने वाले लोगों के लिए कहना मुश्किल हो सकता है’। इतना ही नहीं नदाव का मानना है कि जुरी के बाकी सदस्य भी ऐसा ही मानते हैं।

हालांकि, IFFI के बारी जुरी सदस्यों की ओर से इश बारे में कोई बयान सामने नहीं आया है। वहीं नदाव का कहना है कि ‘भारत में फ़िल्मी लोगों और अन्य लोगों से सैकड़ों संदेश और ईमेल प्राप्त हुए हैं, जो इससे खुश हैं’। नदाव लापिड ने आगे कहा कि ‘खराब फिल्में बनाना कोई अपराध नहीं है, लेकिन ये बहुत ही क्रूड और बहुत ही चालाकी भरी और बहुत हिंसक प्रचार फिल्म है’।

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