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ग्रहों की चाल: गुरु-शनि युति का आपकी राशि पर असर, शुभ या अशुभ

locationभोपालPublished: Apr 02, 2020 02:40:06 pm

वर्ष 1961 में भी हुई थी ऐसी ही युति…

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वैदिक ज्योतिष में गुरु को एक शुभ ग्रह माना जाता है, वहीं शनि को न्याय का कारक, लेकिन एक क्रूर ग्रह माना गया है। ऐसे में इन दोनों की युति को लेकर कई तरह की संभावनाएं बनती हैं। इन दिनों दोनों की युति को कोरोना वायरस से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।

इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि वैदिक ज्योतिष में सर्वाधिक शुभ माना जाने वाला बृहस्पति ग्रह 29 मार्च 2020 रविवार की रात्रि 7:08 पर मकर राशि में प्रवेश कर गया है, जहां पहले से ही मकर राशि का स्वामी शनि विराजमान है।

ऐसे गुरु और शनि की यह युति हर राशि पर अपना असर खास दिखाएगी। यह युति लगभग 3 महीने तक रहेगी, क्योंकि 30 जून को गुरु बृहस्पति वापस अपनी धनु राशि में लौट जाएंगे और 20 नवंबर तक उस राशि में रहेंगे। लेकिन 20 नवंबर 2020 को पुन: वापस मकर राशि में गुरु के आने के बाद यह युति फिर से अपना असर दिखाने लगेगी।

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गुरु शनि की युति की सबसे खास बात यह भी है कि जब 29 मार्च को जब बृहस्पति ने मकर राशि में शनि के साथ युति की, तो वहीं उच्च का प्रभाव लिए हुए मंगल भी उपस्थित रहे, जो कि 4 मई तक उसी राशि में स्थित रहेंगे। यानि लगभग एक महीना और उससे कुछ अधिक की अवधि में गुरू, मंगल और शनि की युति चल रही है, जो कि कई मामलों में बेहद प्रभावशाली भी रहेगी।
दोनों ही न्याय के पक्षधर…
बृहस्पति की गणना नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह में होती है तो शनि को क्रूर ग्रहों में प्रमुख माना जाता है। दोनों ही न्याय के पक्षधर होते हैं और जहां शनि क्रूरता से कर्म फल प्रदान करते हैं, वहीं बृहस्पति देव उदारता का परिचय देते हुए व्यक्ति को सही मार्ग पर आने का रास्ता दिखाते हैं।
ये कहती है तीनों ग्रहों की युति…
इन तीनों ग्रहों की युति किसी प्राकृतिक आपदा अथवा आतंकवादी घटना की ओर भी इशारा करती दिख रही है और ऐसे में किसी युद्ध की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। यह तीनों ही ग्रह अत्यंत प्रभावशाली होने के चलते लंबे समय तक एक राशि में स्थित रहकर अपना प्रभाव डालते हैं।
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1961 में हो चुकी युति में ये हुआ था…
वहीं यदि हम इतिहास पर नजर डाले तो करीब 59 साल पहले वर्ष 1961 में गुरु और शनि ने एक साथ मकर राशि में युति की थी और और 1962 तक यह स्थिति चली। जिसके परिणाम स्वरूप उस समय भारत चीन युद्ध की शुरुआत हो गई थी, जिसमें भारत का नुकसान हुआ था और इसी समय में क्यूबा का मिसाइल संकट भी दिखाई पड़ा था। वहीं इस समय रूस और अमेरिका जैसे बड़े देशों में परमाणु युद्ध की स्थिति आ गई थी।
इसलिए मुख्य तौर इस बार भी यहीं कहा जा सकता है कि इन दोनों का एक साथ आना और खासकर मंगल का साथ होना, शुरुआती तीन महीनों कि युति में गंभीर परिणाम दे सकता है, जिसमें भारत के लिए चीन अथवा पाकिस्तान से शत्रुता में वृद्धि, युद्ध की आशंका, आंतरिक संघर्ष और विद्रोह की स्थितियां बनेंगी।
ऐसे समझें : गुरु-शनि युति का आपकी राशि पर असर
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार गुरु–शनि युति सभी 12 राशियों पर अपना खास प्रभाव छोड़ेगी, ऐसे में जहां कुछ राशि वालों के लिए ये स्थिति शुभ बनेगी, वहीं कई राशि वाले इसकी चपेट में आने से अशुभता का शिकार बनेंगे।
मेष राशि
1. मेष राशि
आपकी राशि से दशम भाव में गुरु शनि युति करेंगे। यह भाव आपके कर्म का भाव है। इससे आपके प्रयासों को प्रशंसा मिलेगी और आपका करियर आगे बढ़ेगा। वहीं इस युति के प्रभाव से आपको अपने कर्म क्षेत्र में बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे और आप अपने कार्यस्थल पर साथ काम करने वालों की बहुत मदद करेंगे।
इस युति के प्रभाव से आपके पारिवारिक जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। परिवार के बुजुर्गों का, विशेषकर माता-पिता का स्वास्थ्य इस दौरान आपको चिंताएं दे सकता है। वहीं कुछ लोगों को अपने पूर्वजों का मकान प्राप्त होने के योग बनेंगे।
वृषभ राशि
2. वृषभ राशि
वृषभ राशि से नवम भाव में गुरु शनि का प्रभाव दिखाई देगा, नवम भाव को भाग्य व धर्म भाव माना जाता है। इसके चलते इस राशि के जातकों की नौकरी में व्यापक तौर पर बदलाव का समय रहेगा। इनका कहीं दूर ट्रांसफर अथवा नौकरी बदलने का समय भी यही होगा। वहीं धर्म भाव होने से ये लोग धार्मिक परोपकार के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे और सामाजिक सरोकार के कार्य भी करेंगे।
ये लोग धार्मिक यात्राएं करेंगे और तीर्थाटन इनका मुख्य रुचिकर विषय रहेगा। इससे इनका मान सम्मान बढ़ेगा तथा अनेक यात्राएं करने का मौका मिलेगा। समाज के गणमान्य लोगों में इन्हें उठने बैठने का मौका मिलेगा।
 मिथुन राशि
3. मिथुन राशि
मिथुन राशि से अष्टम भाव में शनि और गुरु की युति होगी, यह आयु भाव माना जाता है। भौतिक तौर पर यह है युति आपके लिए अधिक अनुकूल नहीं होगी। जिसके कारण आपका स्वास्थ्य थोड़ा कमजोर रह सकता है। आपके नेत्रों में पीड़ा हो सकती है तथा जोड़ों में दर्द की समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। इस समय में धन की हानि हो सकती है।
वहीं यह आपको अध्यात्म के मार्ग पर ले जाने का प्रयास करेगी और यदि आप इस मार्ग को चुनते हैं तो आपको बहुत ही अच्छे अनुभव होंगे। आपके परिवार में इस युति के प्रभाव से कुछ अच्छे परिणाम भी देखने को मिलेंगे, जैसे कि परिवार में वृद्धि हो सकती है।
कर्क राशि
4. कर्क राशि
आपकी राशि के सप्तम भाव में गुरु शनि की युति होगी, यह विवाह भाव कहलाता है। ऐसे में आपका स्वास्थ्य भी मजबूत बनेगा तथा दांपत्य जीवन में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनेगी। वहीं आपको समुद्र पार यात्राओं से तथा विदेशी व्यापार से उत्तम धन लाभ की प्राप्ति होगी। इस समय में आपके व्यापार का विस्तार होगा और आपकी दूरदर्शिता आपके काम आएगी।
इस युति के प्रभाव से आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा और समाज में आपकी छवि मजबूत होगी। आपकी लोकप्रियता में इजाफा देखने को मिलेगा तथा कार्य क्षेत्र में पदोन्नति होने के प्रबल योग बनेंगे लेकिन आपको आत्माभिमान से बचना होगा।
5. सिंह राशि
5. सिंह राशि
बृहस्पति और शनि की युति आपकी राशि के छठे भाव में होगी, इसे शत्रु व रोग भाव भी कहते हैं। यह समय प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए यह समय उपयुक्त रहेगा, आप को मनमाफिक सफलता मिल सकती है। वहीं यदि आप नौकरी करते हैं तो यह युति आपको ऊंचाइयां देगी।
इसके अलावा इस समय में आपको कोई भी नया मुकदमा दायर करने से बचना चाहिए,लेकिन यदि कोई मुकदमा लंबित है तो वह आपके पक्ष में आ सकता है। इस समय काल में खर्चों में बढ़ोतरी होगी और परिवार में किसी सदस्य की बीमारी आपकी चिंता का कारण बन सकती है। इस युति के प्रभाव से आपको स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। आपको अपच, एसिडिटी, गैस, गुर्दों में समस्या या मूत्र संबंधित रोग हो सकते हैं।
6. कन्या राशि
6. कन्या राशि
आपकी राशि के पंचम भाव में गुरु शनि की युति होगी, इसे बुद्धि व पुत्र भाव भी कहते हैं। ऐसे में इस काल अवधि में यदि आप विद्यार्थी हैं तो शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलने का समय आ गया है। यदि आप शादीशुदा हैं तो संतान की वृद्धि हो सकती है। कुछ लोगों को प्रेम विवाह की सौगात मिलेगी।
इसके अतिरिक्त आपकी आमदनी में अच्छी वृद्धि देखने को मिलेगी और समाज में आपका स्थान मजबूत होगा। कुछ लोगों की नौकरी छूटने और उसके बाद दोबारा नौकरी मिलने के योग बनेंगे।
वहीं इस दौरान प्रेम संबंधों में परेशानियां आ सकतीं हैं। एक दूसरे को समझने में समस्या आएगी लेकिन यदि आप एक दूसरे से सच्चा और निश्चल प्रेम करते हैं तो यह समय आपके प्रेम जीवन को मजबूती देगा।
7. तुला राशि
7. तुला राशि
इस समय आपकी राशि के चतुर्थ भाव में गुरु शनि की युति रहेगी, चतुर्थ भाव को सुख व माता का भाव माना जाता है। आपके कार्यक्षेत्र में भी यह युति आपको जबरदस्त लाभ देगी और आपके काम की भूरि भूरि प्रशंसा होगी। इस युति के प्रभाव से परिवार में पूजा पाठ या ऐसा ही कोई धार्मिक कार्यक्रम संपन्न हो सकता है।
इस समय घर में कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो सकता है या आप कोई नया मकान खरीद सकते हैं। इसके अतिरिक्त कोई नई मशीन लाकर अपनी फैक्ट्री में लगा सकते हैं।
लेकिन इस समय आपके परिवार में उथल-पुथल मच सकती है। इस समय काल में आपके गृह परिवर्तन के योग बनेंगे। अर्थात आप अपना निवास स्थान बदल सकते हैं।
8. वृश्चिक राशि
8. वृश्चिक राशि
इस राशि के लोगों के तीसरे भाव में गुरु शनि युति होगी, यह भाव पराक्रम व भाई बहनों का माना गया है। इस युति के प्रभाव के कारण अत्यधिक यश और कीर्ति की प्राप्ति होगी। इनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। वहीं इस समय काल में आपको अपने साथ काम करने वालों पर विशेष ध्यान देना होगा तथा छोटे भाई-बहनों के स्वास्थ्य को लेकर संजीदा रहना होगा।
इस युति के प्रभाव से आप अनेक यात्राएं करेंगे, जिनका आचरण धार्मिक होगा। समाज में परोपकार के कामों में उनका खूब मन लगेगा। आपको कई मौके मिलेंगे,लेकिन अपने आलस्य के कारण यह मुख्य मौक़ों को गंवा भी सकते हैं। आप इस समय दूसरों का भला करने के चक्कर में कुछ कष्ट भी उठा सकते हैं।
9. धनु राशि
9. धनु राशि
धनु राशि के दूसरे भाव में शनि गुरु की युति होगी,यह भाव धन व वाणी भाव भी कहलाता है। आर्थिक तौर पर यह ग्रह संयोजन आपके लिए फ़ायदेमंद साबित होगा। वहीं इसके चलते आपकी वाणी में गंभीरता बढ़ेगी। आप जिस बात को कहेंगे, उससे लोग प्रभावित होंगे और इसका आपको अच्छा लाभ मिलेगा।
इस युति के प्रभाव से आपके परिवार में कुछ तनाव देखने को मिल सकता है, ऐसे में संपत्ति के संबंध में तीखी नोक झोंक भी हो सकती है। साथ ही आपको इस समय अपने स्वास्थ्य का थोड़ा ध्यान रखना होगा, क्योंकि बीमार पड़ने की संभावना बन सकती है।
10. मकर राशि
10. मकर राशि
मकर राशि के लिए शनि गुरु की यह युति काफी महत्वपूर्ण रहेगी, क्योंकि यह आपकी राशि में यानि प्रथम भाव जिसे लग्न भाव कहते है में ही हो रही है। इस दौरान आप किसी संस्था के अधिकारी बन सकते हैं। वहीं इसके प्रभाव से आपको अचानक से अत्यधिक प्रसिद्धि मिल सकती है। समाज के लोगों द्वारा आपको किसी ऊंचे पद पर बिठाया जा सकता है।
इसके अलावा इस गोचर के प्रभाव से आपके दांपत्य जीवन में भी सुख बढ़ेगा और आपका जीवन साथी खुलकर अपने मनोभावों को व्यक्त करेगा, जिससे आपके दांपत्य जीवन में नजदीकियां बढ़ेंगी। व्यापार के मामले में यह युति आपके लिए अधिक फ़ायदेमंद रहेगी। लेकिन आपको जोड़ों में दर्द या गैस की समस्या हो सकती है।
11. कुंभ राशि
11. कुंभ राशि
शनि की स्वामित्व वाली कुंभ राशि से बारहवें भाव में गुरु शनि की युति होगी, इस भाव को व्यय भाव भी कहते है। इस युति के चलते आपके खर्चों में अचानक से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस युति के आकार लेने से आप अत्यधिक परोपकार की भावना से ओत प्रोत होकर दूसरों की मदद करेंगे लेकिन वे लोग आपकी मदद का अनुचित लाभ भी उठा सकते हैं, इसलिए आपको थोड़ा सतर्क रहना होगा।
इसके अतिरिक्त आपको कोर्ट कचहरी के मामलों में अधिक धन खर्च करना पड़ेगा और आपके विरोधी इस समय काल में अधिक प्रबल हो जाएंगे, इसलिए उनके प्रति सावधानी बरतनी आवश्यक होगी। वहीं इस समय काल में आप किसी धार्मिक कार्य से विदेश यात्रा भी कर सकते हैं।
12. मीन राशि
12. मीन राशि
ज्योतिष की आखिरी व गुरु के स्वामित्व वाली मीन राशि से ग्यारहवें भाव में शनि गुरु की युति होगी, इसे आय भाव भी कहा जाता है। इस युति के प्रभाव के चलते यदि आप नौकरी करते हैं तो आप के वरिष्ठ अधिकारी आपसे प्रसन्न रहेंगे, जिसकी वजह से आपको अधिक लाभ मिलेंगे। आपको कोई बड़ा पद भी प्राप्त हो सकता है।
वहीं आय भाव में इस युति के चलते आपकी आमदनी में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिलेगी। इस समय काल में आपके संबंध समाज के गणमान्य लोगों से बनेंगे और आपको सोसाइटी में ऊंचा स्थान प्राप्त होगा। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में यह युति आपको उचित परिणाम प्रदान करेगी। आपके प्रेम जीवन के लिए यह समय थोड़ा कष्टकारी रहेगा और आपकी परीक्षा की घड़ी होगी।

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