
इकलौते चिराग थे आयुष-आदि, सारे सपने अधूरे छोड़ सिसकियों के सहारे छोड़ गए
होशंगाबाद। गंगा दशहरा स्नान पर्व पर नर्मदा तट के किनारे लापरवाहियों ने चार होनहारों को छीन लिया। अपने-अपने घरों के इकलौते चिराग आयुष-आदि के माता-पिता का तो बुरा हाल है। चंद्रौल परिवार में चार मासूम सदस्यों की मौत ने सदमा में पहुंचा दिया है।
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एक साथ उठेंगी चारों मासूमों की अर्थियां
रायपुर गांव में एक ही परिवार के चार लोगों के डूबने से हुई मौत ने परिवार ही नहीं पूरे गांव जवार को गमजदा कर दिया है। शोक में डूबे इस परिवार को ढांढ़स देने पहुंच रहा कोई भी व्यक्ति शायद ही इस मंजर को देखकर अपने आंसू रोक सके। मंगलवार को चारों मासूमों की अर्थियां उठेगी, जो शायद इस परिवार के लिए दुनिया का सबसे भारी बोझ हो। अभी दुनिया ये देखे ही कितना था। मृतकों में शामिल बेटी सिद्धि क्लास 4 में पढ़ रहा था तो आदि सेमरेंटिस स्कूल में पांचवी का छात्र था। निर्मेष व आयुष बड़ी कक्षा में पढ़ते थे। आयुष व आदि अपने अपने परिवार के इकलौता चिराग थे। परिजन रोते हुए बताते हैं कि चारो बच्चे पढ़ने में काफी होशियार थे।
इन गलतियों से कब सीखेगा प्रशासन, लोगों को भी जागरुक होना होगा
रायपुर-धानाबड़ क्षेत्र में नर्मदा नदी पर फोरलेन पर ब्रिज बन रहा है। इसको बनवा रही ठेका कंपनी ने साइड से करीब दस पुलिया बना रखा है। इस पुलिया के उपर से ही आवागमन होता है। चूंकि, पुलिया की वजह से नर्मदा का पानी रोका गया है। इसलिए यहां आसपास नर्मदा नदी की गहराई काफी अधिक है। लेकिन बेरोकटोक यहां स्नान करने लोग पहुंच गए और दर्दनाक हादसा हो गया।
होशंगाबाद डीआईजी अरविंद सक्सेना इस पूरे हादसे की वजह को बताते हुए कहते हैं कि शहर के चिन्हित घाटों पर सुरक्षा व्यवस्थाएं लगाई गई थी लेकिन घानाबड़ जहां दुखद हादसा घटा है, निर्माणाधीन फोरलेन रोड है। नर्मदा नदी के ऊपर ब्रिज बन रहा और सुनसान स्थल है। यहां स्नान के लिए घाट नहीं है। सुविधा की दृष्टि से समीप के रायपुर गांव का सिर्फ यह एक ही परिवार यहां दुर्भाग्यवश स्नान करने पहुंचा था। आगे से घटना स्थल तट पर सुरक्षा के पुख्ता उपाय किए जाएंगे।
Published on:
02 Jun 2020 12:25 pm
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