
होशंगाबाद. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के जंगल में पचमढ़ी-सोहागपुर में बाघ देखने को मिला है। यह बाघ करीब तीन मिनट से अधिक समय तक लोगों को दिखाई दिया। इसके बाद जंगल की ओर चल गया। यह सब नजारा पचमढ़ी के पर्यटकों और सोहागपुर के आसपास के गांव के लोगो को देखने को मिल रहा है। इस नजारे को स्थानीय लोगों ने अपने फोन के कैमरे में कैद किया है।
बता दें कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ रही है और वह अब सुबह-सुबह अक्सर देखने को मिल रहे हैं। जानकार बताते हैं कि जंगल से बाघ के बाहर आने के तीन ही कारण हो सकते हैं। आसान शिकार, खाने पीने की कमी और बाघों की संख्या अधिक होने से टेरी-टरी का बढऩा है। जिसके कारण बाघ जंगल से बाहर आ रहे हैं। बाघों की जंगल से बाहर मूवमेंट देखने को मिल रही है।
स्थानीय विधायक विजयपाल सिंह ने बताया कि संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र एरिया के अलावा बफर एरिया में मेरा आना-जाना बना रहता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और वातावरण इतना अच्छा है कि यहां जंगली जानवर खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं इसलिए इनका रहन-सहन अद्भुत देखने को मिलता है। इस जंगल में बाघ के साथ हिरण, नीली गाय, जंगली सूअर सहित कई ऐसे जंगली जीव है जो अक्सर देखने को मिलते हैं। इन जानवरों को यदि देखना हो तो सुबह अथवा शाम का समय बेहतर होता है। मैंने तो कई बार बफर जोन में बाद का पद चिन्ह भी देख चुके हैं।
अक्सर देखे जाते हैं बाघ
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व कोर एरिया के अलावा बफर एरिया में भी बाघ देखने को मिलते हैं। दरअसल बफर एरिया कोर एरिया से सटा हुआ है। बफर एरिया में भी पर्यटकों का आना-जाना बना रहता है बताया जाता है कि अक्सर इस क्षेत्र में बाघ के पग में देखने को मिलते हैं। एसटीआर के संचालक एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि धूपगढ़ क्षेत्र भी कोर क्षेत्र है, ठंड में अक्सर बाघ ज्यादा देर तक बाहर रहते हैं। इसी कारण लोगों को अभी आसानी से बाघ दिखाई दे रहे हैं। धूपगढ़ क्षेत्र भी कोर एरिया में हैं। इसलिए लोगों को चाहिए कि उन्हें डिसटर्व नहीं करें।
Published on:
14 Nov 2021 01:09 pm
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