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ग्रहण और सूतक काल का यह है समय, पढ़ें क्या करें

माघ पूर्णिमा आज, ग्रहण के कारण बंद रहेंगे मंदिरों के पट

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chandra grahan 2018 sutak timing and 31 january

chandra grahan 2018 sutak timing and 31 january

होशंगाबाद। माघ मास की पूर्णिमा पर बुधवार को खग्रास चंद्रगहण होने के कारण मंदिरों के पट बंद रहेंगे। ग्रहण एवं सूतक काल १२ घंटे का रहेगा। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान मंदिर के पट एवं भगवान की मूर्ति स्पर्श करना वर्जित रहेगा। ऐसी स्थिति में पूर्णिमा पर स्नान दान का पुण्य तिथि की उपासना का समय सूतक के पहले है। आचार्य सोमेश परसाई ने बताया कि यह खग्रास चंद्रग्रहण है जो पूरे भारत में दिखाई देगा। ग्रहण का स्पर्श शाम ५.१८ बजे से होगा। सूतक काल सुबह ७.१८ से शाम ५.१८ बजे एवं रात्रि ८.४१ तक रहेगा। सूतक में भोजन करना, मूर्ति स्पर्श करना वर्जित है। परंतु मंत्र , तंत्र , जाप से कई गुना फल की प्राप्ति होगी।

ऐसा रहेगा राशियों पर प्रभाव
असल में इस साल का चंद्रग्रहण कर्क राशि के जातकों के लिए अशुभ रहेगा। चंद्र ग्रहण पर 176 वर्ष बाद पुष्य नक्षत्र का भी विशेष संयोग बन रहा है। 31 जनवरी को चंद्रग्रहण कालसर्प योग ? ? की छाया में पड़ेगा। यह इस बात का संकेत है कि इस दिन का ग्रहण लगा ही चंद्रमा का उदय हो गया, जिसे ज्योतिष में ग्रस्तोदय कहा जाता है। इस प्रकार का चंद्रग्रहण अशुभ रहता है। माघ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 31 जनवरी को माघी पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती एवं राजराजेश्वरी ललिता देवी जयंती के साथ ही नए साल का पहला खग्रास चंद्रग्रहण दिखाई देगा।

शाम 5.18 से रात 8.42 तक रहेगा चंद ग्रह
खग्रास चंद्रग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। शाम को 5.18 बजे प्रारंभ होने वाला यह ग्रहण रात 8.42 पर समाप्त होगा, जबकि मध्य काल 7 बजे रहेगा। इस तरह ग्रहण की अवधि 3 घंटे 24 मिनट होगी। पूर्वी भारत, असम, नगालैंड, मिजोरम व बंगाल के पूर्वी क्षेत्र में ग्रहण प्रारंभ होने के पहले ही चंद्रोदय हो जाएगा। इसलिए इन प्रदेशों में चंद्रग्रहण पूरा दिखाई देगा।

चतुग्र्रही योग
एक राशि में चार ग्रहों का इकठ्ठा होना चतुग्र्रही योग कहलाता है, जो कुंभ राशि को प्रभावित करता है। शुक्र का उदय पश्चिम से 3 फरवरी को होगा। इसके बाद 7 फरवरी से विवाह कार्य शुरू हो जाएंगे।

राशियों के लिए ग्रहण ऐसा होगा
मेष- सामान्यत: प्रतिकूल, असंतोषप्रद।
वृषभ- लाभकारी व सफलताप्रद।
मिथुन- सम्मान को ठेस, अशांतिप्रद।
कर्क- कष्टप्रद, धनहानि, क्षतिप्रद।
सिंह- सामान्य: कष्टकारक, व्यप्रद।
कन्या- धन लाभ, सुख साधनों का विकास।
तुला- सुखोन्नति, लाभकारी।
वृश्चिक- असंतोषप्रद, सम्मान में कमी।
धनु- प्रतिकूलताप्रद, कष्टप्रद, अशांतिप्रद।
मकर- परिजन को कष्ट, सुख में बाधा।
कुंभ- उत्तम फलदायी, प्रिय से खुशी।
मीन- बाधाकारक, चिंताप्रद।