
अनोखी शादीः संविधान को साक्षी माना और दोनों बंध गए विवाह के बंधन में
होशंगाबाद। कोरोना की वजह से संक्रमण व लाॅकडाउन में बदल रही आदतों ने शादी-विवाह की रवायतों में भी व्यापक बदलाव लाए हैं। जहां एक ओर शादियों में धन-वैभव का प्रदर्शन रुकता दिख रहा तो वहीं लोग सादगी के साथ गृहस्थ जीवन में प्रवेश करना चाह रहे हैं। कई ऐसी अनोखी शादियां सामने आ रही जहां संविधान को ही साक्षी मानकर शादी संपन्न करा दी जा रही है। गुराड़िया जाट गांव में एक ऐसी ही शादी के साक्षी ढेर सारे लोग बने।
दरअसल, कोरोना काॅल में ही कैलाश अश्वारे की शादी तय हो गई थी। अधिक लोगों के आने की मनाही थी साथ ही पुरानी परंपराओं का निर्वहन करने में भी लाॅकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन होता। ऐसे में कैलाश अश्वारे व उनके होने वाले नए रिश्तेदारों ने संविधान को साक्षी मानकर जीवन बंधन में नवदंपत्ति को बांधने का निर्णय लिया। फिर क्या था। दोनों परिवारों ने राजीखुशी दुल्हन कविता अश्वारे व दूल्हा रोशन बोकारिया ने संविधान की शपथ दिलाकर इनको गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने की इजाजत दी। नवदंपत्ति ने संविधान की शपथ लेकर शादी बंधन में बंधने के अनुभव को बेहद खास बताया। इन लोगों का मानना है कि ऐसा करने से हमारे समाज में संविधान के प्रति खास लगाव का नजरिया विकसित होगा। यही नहीं सब संविधान के बारे में जान सकेंगे, अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति जागरुक हो सकेंगे।
इस अनोखी शादी में अनिल अश्वारे नीतिराज कामले, इंदर हरियाल, रामगोपाल अश्वारे, शिवचरण बकोरिया, जसवंत बारवे, डॉ. राधेश्याम बारवे, पूनम बरखने, रोहित बरखने आदि मौजूद रहे।
By: Devendra Awadhiya
Published on:
04 Jun 2020 02:50 pm
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