
note
हरदा. समर्थन मूल्य पर उपज बेचने वाले किसानों को चार महीने बीतने के बावजूद बोनस की राशि नहीं मिल सकी है। सप्ताहभर पहले कृषि विभाग ने 21 करोड़ रुपए की मांग शासन को भेजी है। फिलहाल यह राशि स्वीकृत नहीं हो सकी है। किसान संगठन लंबे समय से इस राशि को देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि शासन के निर्देश पर जिले में रबी सीजन का चना व ग्रीष्मकालीन मूंग, सरसों व मसूर की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई थी। सरकार ने चना, मसूर व सरसों पर 100-100 रुपए प्रति क्विंटल तथा मूंग पर ८०० रुपए प्रति क्विंटल बोनस राशि देने की घोषणा की थी। चार महीने इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। एक सप्ताह पहले कृषि विभाग ने इसकी गणना कर शासन से राशि की मांग की है। विभाग ने मसूर बेचने वाले १४ किसानों लिए १८५०० रुपए, सरसों बेचने वाले ३७ किसानों के लिए ७४७६७ रुपए तथा चना बेचने वाले १९१७० किसानों के लिए करीब ८ करोड़ ३८ लाख रुपए की डिमांड की है। वहीं मूंग बेचने वाले ८४२२ किसानों के लिए करीब १३ करोड़ रुपए मांगे गए हैं। लेकिन यह राशि फिलहाल मिली नहीं है। अधिकारी केवल आश्वासन दे रहे हैं।
आठ लाख क्विंटल हुई थी चना की खरीदी
सहकारी समितियों द्वारा इस वर्ष जिले के १४ केंद्रों पर 10 जून तक चना खरीदा था। इस दौरान १९१७० किसानों ने 8 02512.8 8 क्विंटल चने की खरीदी की गई थी। इसी तरह ७४७ क्विंटल चना व १८५ क्विंटल मसूर खरीदा गया था।
१३५ किसानों का 1 करोड़ २८ लाख रुपए का भुगतान भी नहीं हो सका
समर्थन मूल्य पर चना बेचने वाले जिले के 135 किसानों का करीब १ करोड़ २८ लाख रुपए की देनदारी अटक गई है। सहकारी समितियों द्वारा विपणन संघ द्वारा खरीदी के बाद विपणन संघ को भेजे गए चना की मात्रा का मिलान होने के बाद घटत दर्ज होने से यह स्थिति बनी। सहकारिता विभाग द्वारा अब शासन से इस संबंध में पत्राचार किया जा रहा है। ताकि किसानों का भुगतान किया जा सके। दूसरी ओर उपज बेचने के महीनों बाद भी राशि नहीं मिलने से किसान आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे हैं। इस संबंध में सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी केसी सारन से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल राशि नहीं मिली है। विपणन संघ के अधिकारियों से लगातार इस संबंध में चर्चा की जा रही है।
किसान कांग्रेस ने दी है भूख हड़ताल की चेतावनी
किसानों को उपज की बोनस राशि महीनों बाद भी नहीं मिलने के विरोध में किसान कांग्रेस ने 25 सितंबर से भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। इसके अलावा संगठन अन्य मांगों को भी उठाएगा। संगठन के प्रदेश सचिव मोहन विश्नोई ने बताया कि पिछले दिनों कृषि विभाग के उप संचालक ने चर्चा कर जल्द भुगतान का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी विभाग को राशि ही नहीं मिली है।
इनका कहना है
किसानों की बोनस राशि के मांग पत्र शासन को भेजे हैं। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से शनिवार को चर्चा की गई थी। उन्होंने राशि स्वीकृत करने की बात कही है। बैंक बंद होने से राशि नहीं मिली। जल्द ही किसानों के खातों में राशि ट्रांसफर की जाएगी।
- एमपीएस चंद्रावत, उप संचालक, कृषि विभाग
--
और इधर, बीमा विसंगति दूर करने खुले कृषक सहायता केंद्र
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा लाभ को लेकर आ रही विसंगतियों के निराकरण के लिए विकासखंड स्थित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं जिले में उप संचालक कृषि कार्यालय में कृषक सहायता केंद्र स्थापित किए जा रहें है। केंद्र सोमवार से क्रियाशील हो जाएंगे। किसान सहायता केंद्र में अपने आवेदन जमा कर सकतें है। उप संचालक कृषि एमपीएस चंद्रावत के मुताबिक एक ही हल्के में कृषकों को प्राप्त बीमा क्लेम राशि में अंतर, कम क्लेम राशि प्राप्त होना अथवा बीमा क्लेम की राशि प्राप्त नहीं होना आदि के निराकरण के संबंध में किसान सहायता केंद्र में आवेदन दे सकते हैं। किसान दो प्रतियों में आवश्यक दस्तावेज के साथ आवेदन तैयार करेंगे एवं एक प्रति संबंधित बैंक शाखा में जहां उन्होंने प्रीमियम जमा किया है, जमा करेंगे तथा एक प्रति वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अथवा उप संचालक कृषि कार्यालय में जमा करेंगे। प्राप्त आवेदनों को बैंक शाखा द्वारा सत्यापित कर एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को विसंगतियों के निराकरण के लिए भेजा जाएगा। साथ ही कृषि विभाग में जमा की गई दूसरी प्रति को फसल बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित प्रारूप में संकलित कर निराकरण के लिए भेजा जाएगा।
Published on:
23 Sept 2018 08:00 am
बड़ी खबरें
View Allहोशंगाबाद
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
