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21 जुलाई तक करें यह एक काम जल्द प्रशन्न होंगी मां भगवती

कलयुग में मनोकामना पूर्ति के लिए करें पूजा

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gupt navratri me kya karna chahiye

21 जुलाई तक करें यह एक काम जल्द प्रशन्न होंगी मां भगवती

होशंगाबाद। हर कोई चाहता है कि उसे मनचाही सफलता मिले, इसलिए लोग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। हर कोई ऐसी पूजा विधि जानना चाहता है कि उसे जल्द ही सफलता मिल जाए। गुप्त नवरात्रि के दौरान एक अहम काम करने से लोगों की हर मनोकामना पूरी है, इस बार गुप्त नवरात्रि 13 जुलाई से 21 जुलाई तक चलेंगीं। अनादि काल से इसका निर्वाह किया जा रहा है। गुप्त नवरात्रि में कन्या भार लेने वालों पर भगवती की शीघ्र कृपा होती है।

नवरात्रि में यह काम जरूर करें
पं. सोमेश परसांई के अनुसार गुप्त नवरात्रि के दौरान जो लोग कन्या भार लेते हैं उन पर भगवती की शीघ ही सिद्बी व कृपा होती है। अर्थात् इस दौरान कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने वाले, कन्याओं को दान देने, उनकी मदद करने वाले पर मां भगवती शीघ्र प्रशन्न होती हैं।

गुप्त नवरात्रि 2018 शुभ मुहूर्त
13 जुलाई (शुक्रवार) 2018: घट स्थापना और मां शैलपुत्री पूजा
14 जुलाई (शनिवार) 2018: माँ ब्रह्मचारिणी पूजा
15 जुलाई (रविवार) 2018 : माँ चंद्रघंटा पूजा
16 जुलाई (सोमवार) 2018: माँ कुष्मांडा पूजा
17 जुलाई (मंगलवार) 2018 : माँ स्कंदमाता पूजा
18 जुलाई (बुधवार) 2018 : माँ कात्यायनी पूजा
19 जुलाई (बृहस्पतिवार) 2018: माँ कालरात्रि पूजा
20 जुलाई (शुक्रवार) 2018 : माँ महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी
21 जुलाई (शनिवार ) 2018: माँ सिद्धिदात्री, नवरात्रि पारण


नवरात्रि में माँ भगवती की आराधना दुर्गा सप्तसती के मन्त्रों से की जाती है। परन्तु यदि समय का अभाव है तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ अत्यंत ही प्रभावशाली एवं दुर्गा सप्तसती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला है।

नवरात्रि चार होती हैं।
इनमें दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्रि होती हैं। चैत्र और अश्विन की नवरात्रि प्रकट होती हैं। अश्विन माह में चौक चौराहों पर मां भवानी का मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। इस दौरान नौ दिन तक भक्त मां नर्मदा की मूर्तियों की पूजा अर्चना कर व्रत रखते हैं।

दो गुप्त नवरात्रि
प्रकट नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। जो आषाड़ और माघ में आती हैं। जो साधना में गुप्त रखना चाहते हैं वह इसका सबसे ज्याद उपयोग करते हैं। कलयुग में गणेश जी और देवी जी शीघ्र मनोकामना पूरी करते हैं। कलयुग में विधान के अंतगर्त इनको माना जाता है।