इन मरीजों के इलाज के साथ ही इनके संपर्क में आने वाले 1194 लोगों को भी सुरक्षा के लिहाज से दवाइयां दी जा रही है। जिससे टीबी को फैलने से रोका जा सके। टीबी की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा हर साल हाइरिस्क क्षेत्र झुग्गी बस्तियों और मजदूर परिवारों का सर्वे भी करवाया जा रहा है।
कोविड नेगेटिवों की भी कर रहे टीबी जांच
कोविड के नेगेटिव मरीजों की भी टीबी जांच की जा रही है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. संजय पुरोहित ने बताया कि कोविड जांच के बाद जो भी मरीज नेगेटिव आ रहे हैं, उनकी भी टीबी जांच कर रहे हैं। जिससे पहले से सुरक्षा की जा सके। कोविड की दूसरी लहर में जिन लोगों के फेफड़े में मामूली इंफेक्शन था, उनमें भी टीबी के लक्षण देखे गए हैं। ऐसे मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है।
ये हैं टीबी के प्रकार
फुफ्सीय टीबी
फुफ्सीय क्षय रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। इसके लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग पाए जाते हैं। कुछ सामान्य लक्षण जैसे तेज चलना, सिरदर्द होना, नाड़ी तेज चलना इत्यादि समस्याएं होने लगती हैं।
हड्डी की टीबी
हड्डी में होने वाले क्षय रोग के कारण हड्डियों में घाव पड़ जाते हैं, जो कि इलाज के बाद भी आराम से ठीक नहीं होते। जानकारी के अनुसार शरीर में जगह-जगह फोड़े फुंसियां होना भी हड्डी क्षय रोग का लक्षण है।
पेट का टीबी
पेट के टीबी के दौरान मरीज को सामान्य रूप से होने वाली पेट की समस्याएं होती है। जैसे बार-बार दस्त लगना, पेट में दर्द होना इत्यादि। जब तक पेट के टीबी के बारे में पता चलता है तब तक पेट में गांठें पड़ चुकी होती है।
जानिए क्या है टीबी
टीबी जिसे हिंदी में क्षय रोग और मेडिकल भाषा में ट्यूबरक्लोसिस की बीमारी कहते हैं। यह एक बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस द्वारा उत्पन्न संक्रमण है। यह बैक्टीरिया शरीर के सभी अंगों में प्रवेश कर जाता है। हालांकि ये ज्यादातर फेफड़ों में ही पाया जाता है। इसके अलावा आंतों, मस्तिष्क, हड्डियों, जोड़ों, गुर्दे, त्वचा तथा हृदय भी टीबी से ग्रसित हो सकते हैं।
टीबी के लक्षण
-दो सप्ताह या उससे ज्यादा दिन तक खांसी चलना
-खांसी में मुंह से खून आना
-भूख कम वजन का कम होना
-ठंड लगकर पसीने के साथ बुखार
-कुछ में गांठे भी देखने को
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294 मरीज चिन्हित
कोरोना की दूसरी लहर में जिनके फेफड़ों में मामूली इंफेक्शन था या वे मामूली टीबी से ग्रसित थे। ऐसे लोगों की तकलीफ बढ़ी है। जनवरी से अब तक जिले में 294 टीबी के मरीज चिन्हित किए गए हैं। जिनका उपचार किया जा रहा है। सुरक्षा के लिए उनके परिवार के 1194 सदस्यों को भी दवाइयां दी जा रही है।
-डा. संजय पुरोहित, जिला क्षय रोग अधिकारी नर्मदापुरम