
छोटे उद्योग संचालकों ने मांगा बूस्टर डोज, सरकारी खरीदी के मिलें ऑर्डर
नर्मदापुरम. narmdapuramजिला-संभागीय मुख्यालय नर्मदापुरम के किशनपुरा औद्योगिक क्षेत्र में कई सालों से मूलभूत सुविधाएं भी संचालकों को नहीं मिल पा रही है। सेपरेट फीडर, सफाई-जल, रोड-नाली, स्ट्रीट लाइट और बढ़ते अतिक्रमण एवं इनकी आड़ में बिक रही अवैध शराब जैसी समस्याओं से संचालक जूझ रहे हैं। संचालकों ने दम तोड़ रहे लघु उद्योगों को बूस्टर डोज देने यहां उत्पादित अपने प्रोडक्ट को सभी सरकारी विभागों में सप्लाई के लिए अधिकृत सूची व आर्डर दिए जाने की भी मांग उठाई है। जल्द ही इस बारे में लघु उद्योग संघ कलेक्टर से मिलकर अपनी जरूरतें और मूलभूत सुविधाओं के संबंध में चर्चा करेगा। साथ ही विभागीय बजट से स्वीकृत राशि से निर्माण-विकास कार्य कराए जाने का एजेंडा भी रखेगा।
अभी इन समस्याओं से जूझ रहे
जिला लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र गौर व अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि आईटीआई किशनपुरा इंड्रस्टीयल एरिया में संपत्ति टैक्स देने के बाद भी नगरपालिका सफाई नहीं करवा रही। बेजा गंदगी-कचरा फैलता रहता है। जो कंटेनर रखे हुए थे उन्हें भी हटा लिया गया है। सड़कें भी खस्ताहाल हैं एवं नालियां भी नहीं बनी है। इस कारण से उद्योगों से निकला पानी सड़कों पर ही बहकर गंदगी को बढ़ा रहा है। स्ट्रीट लाइटें नहीं होने से रात में अंधेरा छाया रहता है। असामाजिक तत्व यहां रोजाना शाम से लेकर रात तक उत्पात मचाते हैं। इंडस्ट्रीयल सीमा में भी बेजा अतिक्रमण बढ़ गया है। टीनशेड की दुकान-टप रख लिए गए हैं। इनकी आड़ में अवैध शराब बेची जा रही है। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही। बजट राशि होने के बाद भी उद्योग-व्यापार केंद्र विभाग बाउंड्रीवॉल का निर्माण नहीं करवा पाया है।
सेपरेट फीडर नहीं होने से परेशानी
इंडस्ट्रीयल एरिया का सेपरेट फीडर नहीं होने उद्योग ठीक तरह से संचालित नहीं हो पा रहे। हैवी कनेक्शन वाले उद्योगों में लोड कम ज्यादा होने से फ्लेक्शेसन के कारण उपकरण खराब हो रहे। मशीनें नहीं चल पाती है। इससे उत्पादन प्रभावित होता है। संघ के मुताबिक यहां करीब 20 से अधिक उद्योग चल रहे हैं, जिनमें बेकरी, फर्नीचर, फ्लाई ईंट-पेवल्स, दाल-पोहा मिल, आइस्क्रीम आदि शामिल हैं। बिजली की समस्या विगत 10-15 सालों बाद भी हल नहीं हो पाई है।
दम तोड़ रहे उद्योगों को ये चाहिए
संघ पदाधिकारियों ने आईटीआई किशनपुरा इंडस्ट्रीयल एरिया के सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहे छोटे उद्योग-कारखानों को चालू रखने के लिए शासन-प्रशासन से बूस्टर डोज मांगा है। क्योंकि कोरोना के बीते दो साल उद्योग-व्यापार ठप्प रहे। कर्ज और टैक्स का भार भी बढ़ गया है। इससे निजात पाने उत्पादित सामग्रियों को सभी सरकारी विभागों में सप्लाई के लिए विभागों की सूची व आर्डर जारी करने की मांग उठाई गई है।
इनका कहना है....
किशनपुरा इंडस्ट्रीयल के विकास एवं यहां के निर्माण कार्यों के लिए दो बार प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है। एलएनयू को आकर सर्वे कर प्राक्कलन तैयार करेगा। इसे उद्योग विभाग के कमिश्नर को भेजकर बजट राशि स्वीकृत कराई जाएगी। इसके उपरांत सड़क-नाली, बाउंड्रीवॉल सहित अन्य निर्माण होंगे। अतिक्रमणों को प्रशासन के जरिए हटवाया जाएगा।
-कैलाश माल, महाप्रबंधक, जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र नर्मदापुरम।
Published on:
03 May 2022 11:17 am
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