
Vivek Sagar Prasad Hockey Player Vivek Sagar Prasad
मनोज कुंडू, इटारसी. भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो में जर्मनी को हराकर ओलिंपिक में 41 साल बाद पदक हासिल किया. टीम में शामिल मध्यप्रदेश के इकलौते खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद ने जीत के बाद पत्रिका से खास बातचीत में कहा— भारत के लिए पदक जीता, अब माता के लिए आशियाना बनाउंगा. टीम के मिड फील्डर के रूप में विवेक ने इस उपलब्धि में खासा योगदान दिया है.
चांदौन गांव में रहनेवाले विवेक के घर की छत सीमेंट व टीन की है जोकि बारिश में टपकती है. विवेक ने कहा, वर्तमान में पूरा परिवार इसी घर में रहता है. पिता रोहित प्रसाद, मां कमलादेवी, भाई विद्यासागर और बहन पूजा को सीमेंट—टीन की छत वाले इसी घर में रहना पड़ रहा है. लेकिन सभी परिजन जल्द ही भव्य घर में रह सकेंगे.
विवेक ने बताया कि वे अपनी मां को तोहफा देना चाहते हैं. मध्यप्रदेश सरकार से मिलनेवाली सम्माननिधि की राशि से वे एक आलीशान मकान बनवाएंगे और अपनी मां को भेंट करेंगे. गौरतलब है कि ब्रांज मेडल जीतनेवाली भारतीय टीम के विवेक सागर प्रसाद को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सम्मान के रूप में 1 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है.
विवेक सागर प्रसाद का यह पहला ओलिंपिक था। वे अभी तक अनेक नेशनल और इंटरनेशनल लेबल की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं. इनमें अच्छे प्रदर्शन के बल पर उन्हें भारतीय टीम में चुना गया था. इससे पहले सन 2019 के लिए अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) द्वारा विवेक सागर को राइजिंग स्टार ऑफ द ईयर चुना गया था.
टोक्यो ओलिंपिक में विवेक सागर ने एक गोल भी दागा था. बाद में ब्रांज मेडल जीतकर विवेक ने ओलिंपिक और हॉकी के इतिहास के सुनहरे पन्ने में अपना नाम दर्ज करवा लिया है. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक ध्यानचंद ने सबसे पहले विवेक की प्रतिभा को पहचाना था और उनके कोच बन गए. उन्होंने कई माह तक विवेक को अपने घर पर रखकर उसके हुनर को तराशा.
मेरी तरह किसी को संघर्ष न करना पड़े
विवेक ने कहा कि जरूरतमंद खिलाडियों की मदद करुंगा ताकि मेरी तरह किसी को संघर्ष न करना पड़े. पिता रोहित प्रसाद ने बताया कि विवेक जब भी गांव आता है खिलाड़ियों को हाकी स्टिक व अन्य सामग्री देता है. उसमें दूसरों की मदद करने की जबर्दस्त भावना है.
Published on:
07 Aug 2021 11:43 am
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