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खेलते-खेलते 7 महीने के बच्चे के गले में फंस गई गेंद, करीब एक घंटे तक तड़पता रहा मासूम और फिर..

बच्चे की मौत की खबर सुनते ही उसके चचेरे नाना की भी सदमे में मौत हो गई।

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खेलते-खेलते 7 महीने के बच्चे के गले में फंस गई गेंद, करीब एक घंटे तक तड़पता रहा मासूम और फिर..

नई दिल्ली। हरियाणा के हिसार से एक बेहद ही दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां एक सात महीने के बच्चे के गले में गेंद फंस गई, जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक बच्चे की मां गले से गेंद निकलवाने के लिए करीब एक घंटे तक शहर के 7 अस्पतालों में चक्कर लगा आई, लेकिन किसी भी अस्पताल ने इस मामले में बच्चे के गले से गेंद निकालने से मना कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बच्चे के गले में फंसी गेंद रबर की थी।

इतना ही नहीं बच्चे की मौत की खबर सुनते ही उसके चचेरे नाना की भी सदमे में मौत हो गई। बच्चे के दादा के साथ ही नाना के परिवार में भी मातम छाया हुआ है। बच्चे की मां का नाम कविता है, जिनके पिता चार साल पहले ही स्वर्ग सिधार गए थे। बताया जा रहा है कि कुछ ही दिन पहले कविता अपने चाचा जोगिंद्र (48) के घर आई हुई थी। कविता की दादी ईश्वरी की तबियत ठीक नहीं थी, जिसके बाद कविता को यहां उनकी देखभाल के लिए बुलाया गया था।

बीते बुधवार की सुबह कविता ने हर बार की तरह अपने जिगर के टुकड़े को नहलाकर कपड़े पहना दिए थे, जिसके बाद सात महीने का मोहित फर्श पर खेल रहा था। उधर, कविता अपनी दादी को दवा देने चली गई। इसी बीच मोहित के पास एक गेंद आ गई। गेंद देखते गी मोहित ने उसे अपने मुंह में डाल लिया, जो गले में जाकर फंस गई। गले में गेंद फंसने की वजह से बच्चे के मुंह से आवाज़ भी नहीं निकल रही थी, और वह फर्श पर ही तड़पता रहा।

थोड़ी ही देर बाद कविता बाहर निकली तो बच्चे की हालत देखकर उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। उसने पड़ोसियों से मदद मांगी, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी गेंद गले से बाहर नहीं निकला। उधर सात अस्पतालों के चक्कर काट कर आई कविता को कहीं से भी मदद नहीं मिली। जिससे उनके बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने सभी सात अस्पतालों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।