
Deal with mutual reconciliation with Lokay Adalat
नई दिल्ली। नशे (Alcohol Addiction) के चलते कई लोगों के घर तबाह होते तो आपने अक्सर देखा होगा। मगर उम्र के आखरी पड़ाव तक आते हुए लोग बदलने लगते हैं। मगर शराब को लेकर 89 वर्षीय (old man) एक शख्स का लगाव खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। इसी बात से परेशान उसकी पत्नी ने अदालत (court) का दरवाजा खटखटाया। जज ने शख्स को शराब छोड़ने को कहा तो उसने उलटा ही जवाब दिया। उसने कहा कि वो पत्नी को छोड़ने को तैयार हैं मगर नशे की लत को नहीं।
मामला मध्यप्रदेश के भोपाल (Bhopal Court) का है। यहां के कोर्ट में एक बुजुर्ग पत्नी ने भरण पोषण के लिए आवेदन किया था, जिसके जवाब में कोर्ट पहुंचे 89 वर्षीय बुजुर्ग पति ने कहा कि वह अपनी पत्नी से ज्यादा शराब को प्यार करता है, इसलिए वह पत्नी को छोड़ना चाहता है। जज ने दोनों की काउंसलिंग कराई तो पता चला कि बुजुर्ग महिला ने जीवन के इस मुकाम पर अपने पति के साथ रहने से इनकार कर दिया है। महिला का आरोप है कि उसका पति शराब पीकर मारपीट करता है।
पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायधीश आरएन चंद ने बुजुर्ग पति से शराब छोड़ने के लिए कहा तो बुजुर्ग पति ने कहा कि वह पत्नी को छोड़ सकता है, लेकिन शराब को नहीं। इतना ही नहीं उसने यह भी कहा कि नशे की ये लत अब उसके मरने पर ही छूट पाएगी। ये बात सुन जज हैरान रह गए। उन्होंने शख्स को पत्नी को गुजर-बसर के लिए पेंशन से 10 हजार रुपए महीना देने की बात कही तो वह तुरंत मान गया।
Published on:
24 Dec 2019 12:32 pm
बड़ी खबरें
View Allहॉट ऑन वेब
ट्रेंडिंग
