
नई दिल्ली:अयोध्या में चल रहे राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। अगर इस फैसले को मोटी नजर से देखा जाए, तो सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि वहां मंदिर था। कोर्ट ने कहा ASI की रिपोर्ट के मुताबिक, जो खुदाई में मिला वो इस्लामिक ढांचा नहीं था। जबकि 12वीं सदी में मंदिर होने का जिक्र इस रिपोर्ट में कहा गया है।
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क्या है फैसला
वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। वहीं कोर्ट की तरफ से ये भी कहा गया कि पुरातत्व की रिपोर्ट में मंदिर होने का जिक्र किया गया। वहीं मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने का भी कोई जिक्र नहीं है। हालंकि, कोर्ट ने ये भी कहा कि 12वीं-16वीं सदी में क्या था उसका जिक्र रिपोर्ट नहीं था। इस फैसले की सुनवाई 40 दिनों तक चली। वहीं जस्टिस रंजन गोगोई की इस बेंच में उनके अलावा जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर भी शामिल रहे।
अब भी है मौका
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े की याचिका खारिज कर दी गई है। मतलब ये कहा जा सकता है कि कोर्ट ने मंदिर होने की बात को वहां माना है। हालांकि, अभी फैसला स्पष्ट रूप से नहीं दिया गया है। लेकिन सवाल ये कि अब क्या होगा? दरअसल, कोर्ट के फैसले के बाद हर पक्ष के पास पुनर्विचार याचिका यानि रिव्यू पिटीशन डालने का मौका रहेगा। कोई भी पक्षकार फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकता है, जिस पर बेंच सुनवाई कर सकती है। हालांकि, कोर्ट को ये तय करना होगा कि वो पुनर्विचार याचिका को कोर्ट में सुने या फिर चैंबर में।
Published on:
09 Nov 2019 11:07 am
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