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Corona Virus क्या आप भी जानते हैं ‘हर्ड इम्यूनिटी’ के बारे में

इन दिनों कोरोना वायरस के चलते एक शब्द हर्ड इम्यूनिटी बहुत ज्यादा सुना जा रहा है। जानिए इस शब्द के बारे में विस्तार से

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Sunil Sharma

Nov 19, 2020

coronavirus case

पिछले 24 घंटे में 42,156 मरीज़ ठीक हुए।

कोविड-19 के सिलसिले में यह शब्द हाल में ज्यादा सुनाई पड़ा है। अंग्रेजी के हर्ड शब्द का अर्थ होता है झुंड या समूह। हर्ड इम्यूनिटी का अर्थ है सामूहिक प्रतिरक्षण। जब किसी वायरस या बैक्टीरिया का संक्रमण होता है, तब शरीर के अंदर उससे लडऩे या प्रतिरक्षण की क्षमता भी जन्म लेती है। सिद्धांत यह है कि यदि बड़ी संख्या में लोगों के शरीर में प्रतिरक्षण क्षमता पैदा हो जाए, तो बीमारी का प्रसार सम्भव नहीं है, क्योंकि तब समाज में उसके प्रसार की संख्या कम हो जाती है।

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वैज्ञानिकों ने बनाया है यह सिद्धान्त
अनेक बीमारियों से लडने की क्षमता समाज में इसी तरह पैदा होती है। इसके पीछे का वैज्ञानिक सिद्धांत यह है कि यदि समाज में बड़ी संख्या में ऐसे लोग होंगे, जिनके शरीर में प्रतिरक्षण क्षमता है, तो वे ऐसे व्यक्तियों तक रोग को जाने ही नहीं देंगे, जो प्रतिरक्षित नहीं हैं। महामारी विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ इसके लिए ‘बेसिक रिप्रोडक्टिव नम्बर (RO)’ की गणना करते हैं। यानी एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर कितने व्यक्ति बीमार हो सकते हैं। वैज्ञानिक सिद्धांत है कि खसरे से पीडि़त एक व्यक्ति 12-18 व्यक्तियों तक और इंफ्लूएंजा से पीडि़त व्यक्ति 2 से 5 लोगों को संक्रमित कर सकता है।

कोविड-19 एकदम अपरिचित वायरस होने के कारण जोखिम नहीं उठाए जा सकते हैं। हमारा शरीर वायरस को विदेशी हमलावर की तरह देखता है और संक्रमण होने के बाद वायरस को खत्म करने के लिए साइटोकाइन नाम का केमिकल छोडऩा शुरू करता है। वैज्ञानिकों ने तमाम किस्म के संक्रमणों को रोकने के लिए टीके बनाए हैं। अब उन्होंने कोविड-19 के टीके भी बना लिए हैं, पर उसका परीक्षण होते-होते समय लगेगा।

वैक्सीनेशन से जुड़ी है ‘हर्ड इम्यूनिटी’
‘हर्ड इम्यूनिटी’ सिद्धांत वैक्सीनेशन या टीकाकरण से जुड़ा है। टीकाकरण का उद्देश्य बड़ी संख्या में लोगों के शरीर में प्रतिरक्षण पैदा करना होता है। इसके बाद बाकी लोगों का टीकाकरण न भी हो, तब भी बीमारी नहीं फैलती।