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7 प्रकार के होते हैं कोरोना वायरस, ये वाला है सबसे ज्यादा खतरनाक

कोरोना वायरस (Coronavirus disease - COVID-19) अब तक 186 देशों में पहुंच गया है। इसके संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 15000 से ऊपर हो गई है ।

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इन बातों का रखें ध्यान,करीब भी नहीं भटक सकेगा Coronavirus

नई दिल्ली: चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस (Coronavirus disease - COVID-19) अब तक 186 देशों में पहुंच गया है। इसके संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 15000 से ऊपर हो गई है । लाखों लोग इस वायरस के संक्रमण से ग्रसित हैं। कोरोना वायरस वैसे तो सात प्रकार के होते हैं लेकिन ये वाला कोरोना वायरस बेहद खतरनाक है। इस वाले कोरोना का नाम है नोवल कोरोना वायरस (एनसीओवी/कोविड-19) । ये कोरोना परिवार का सातवां सदस्य है। चलिए जानते हैं कोविड-19 से पहले कौन कौन से कोरोना वायरस आते हैं ।

Human coronavirus s 229E

Human coronavirus 229E भी कोरोना वायरस के परिवार का एक सदस्य है। ये वायरस मनुष्यों और चमगादड़ों को संक्रमित करती है। यह संक्रामक वायरस एक सिंगल-स्ट्रांडेड आरएनए वायरस है जो एपीएन रिसेप्टर के जरिये अपने मनुष्यों की कोशिकाओं में प्रवेश करता है। HCOV-229-E में सर्दी-जुकाम से लेकर तेज बुखार हो जाते है।

Human coronavirus NL63

एचसीओवी-एनएल-63 भी एक तरह का कोरोना वायरस ही है। साल 2004 के अंत में इसकी पहचान हुई थी। वायरस मुख्य रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और तीव्र श्वसन संबंधी बीमारी के रोगियों में पाया जाता है। इस वायरस ने सबसे पहले नीदरलैंड के ब्रोंकोलाइटिस वाले सात महीने के बच्चे में मिला था।

Human coronavirus OC43

एचसीओवी-ओसी-43 कोई खतरनाक वायरस नहीं है। इस वायरस से संक्रमित लोगों में सामान्य सर्दी, बुखार के लक्षण पाए जाते हैं । सीधे तौर पर समझाएं तो जब भी हमें सर्दी के मौसम में जुखाम होता है तो इसी वायरस की वजह से होता है।

Human coronavirus HKU1

एचसीओवी-एचकेयू-1 वायरस साल 2005 में पाया गया था। ये वायरस एक 71 साल के व्यक्ति में पाया गया था। इस वायरस के संक्रमण से ग्रसित मरीज तीव्र श्वसन समस्या से जूझता है।

सार्स (Severe acute respiratory syndrome)

सार्स की वजह से चीन में साल 2002 में 8,098 लोग संक्रमित हुए थे, और उनमें से 774 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। हालांकि यह वायरस कहां से आया है, इसका अभी ठीक से पता नहीं लग पाया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस पशुओं से ही इंसानों तक पहुंचा। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के मुताबिक सार्स एक तरीके का कोरोनावायरस है।

मर्स कोरोना वायरस (MERS coronavirus)

मर्स कोरोना वायरस मनुष्यों में संक्रमण करने वाला वायरस है। मर्स के मरीजों में आमतौर पर बुखार, निमोनिया और खराब किडनी जैसी लक्षण पाए जाते हैं। यह एक जानलेवा बिमारी है और महामारी की रूप ले सकती है। मर्स कोरोना वायरस को साल 2012 में सऊदी अरब में खोजा गया था। यह वायरस कोरोना वायरस परिवार का पूर्वज है। यह वायरस ऊंटों के जरिये इंसानों में आया था।

Novel Coronavirus

नोवल कोरोना (कोविड-19) वायरस, कोरोना परिवार का सबसे खतरनाक वायरस है। ये साल 2019 में चीन के वुहान में जन्मा था। और अब 186 देशों में पहुंच चुका है। इसके लक्षणों में बुखार, सर्दी-जुखाम, खांसी, सांस लेने में तकलीफ होती है। ये लक्षण सार्स और मर्स से काफी मिलते-जुलते हैं। कोविड-19 की अनुवांशिक संरचना 80 फीसदी तक चमगादड़ों में पाए जाने वाले सार्स वायरस जैसी ही है। इस वायरस का अभी तक वैक्सीन नहीं मिला है।