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भारत में आई Corona से भी खतरनाक बीमारी, Gujarat में मिला पहला केस !

देश में पिछले 24 घंटों में 587 लोगों की मौत हुई, जबकि अमेरिका में 537 लोग मरे। इन सब के बीच देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) से ज्यादा खतरनाक बीमारी आ चुकी है। जिसका पहला केस गुजरात (Gujarat) के सूरत में देखने को मिला है।  

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Vivhav Shukla

Jul 23, 2020

Dangerous disease from Corona in India, first case found in Gujarat!

Dangerous disease from Corona in India, first case found in Gujarat!

नई दिल्ली। देश में कोरोना (Coronavirus) संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रहा है। आलम ये है कि इस मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश बन गया है। पिछले दो दिनों से मौत के मामले में भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। देश में पिछले 24 घंटों में 587 लोगों की मौत हुई, जबकि अमेरिका में 537 लोग मरे। इन सब के बीच देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) से ज्यादा खतरनाक बीमारी आ चुकी है। जिसका पहला केस गुजरात (Gujarat) के सूरत में देखने को मिला है।

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रिपोर्ट के मुताबिक ये बीमारी एक बच्चे में देखी गई है। बीमारी का नाम मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (Multisystem Inflammatory Syndrome) है, जिसे MIS-C कहते हैं। देश में इस बीमारी के आने के बाद चिंता बढ़ गई है।

खबरों के मुताबिक ये बीमारी 10 वर्षीय बच्चे में देखी गई है। हैरानी इस बात की है कि यह बीमारी अभी तक सिर्फ अमेरिका और यूरोपीय देशों में होती थी। ज्यादातर मामले वहीं दिखते थे।बीमार बच्चे के चाचा ने बताया कि बेटे बुखार आ रहा था इसके बाद उल्टी, खांसी, दस्त भी होने लगी। जिसके चलते उन्होंने अस्पताल में भर्ती किया है। इस दौरान उनकी आंखें और होंठ भी लाल हो गए हैं।

बच्चे का इलाज कर रहे डॉ आशीष गोटी (Dr. Ashish Goti) ने बताया बच्चे के शरीर में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण हैं। इस समय इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे इस बच्चे के दिल की पंपिंग 30 फीसदी घट गई थी। उसके शरीर की नसें फूल गई थीं। इस वजह से उसे दिल का दौरा पड़ सकता था। लेकिन सात दिन के इलाज के बाद उसे घर भेज दिया गया।

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Dr. Ashish Goti का मानना है कि ये बीमारी पूरे देश में फैल सकती है। इस बीमारी की चपेट में 3 साल के बच्चे से लेकर 20 साल तक के किशोर आ सकते हैं। बच्चों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की तरह ही इसे भी जांच में पकड़ना मुश्किल होता है।

MIS-C से बचने के लिए एक ही उपाय है कि इसके लक्षणों को ध्यान में रखने की ज़रूरत है। जैसे ही बच्चे को बुखार, उल्टी, दस्त, आंखें और होंठ लाल दिखे तुरंत बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं। बता दें MIS-C का इलाज है लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने से ये कोरोना से ज्यादा खतरनाक हो सकता है।