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Ganesh visarjan 2020 Rules: कोरोना काल में बप्पा का विसर्जन करने से पहले जरूर पढ़ ले सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश

1 सितम्बर गणेश विसर्जन का आखिरी दिन है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति को विसर्जित कर दिया जाता है। (Coronavirus) के चलते गणपति विसर्जन (Ganpati Visarjan 2020) के लिए इस बार एक तहत नियम बनाए गए हैं।

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Neha Gupta

Sep 01, 2020

Ganesh visarjan 2020 Rules due to coronavirus

Ganesh visarjan 2020 Rules due to coronavirus

नई दिल्ली | कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते गणपति विसर्जन (Ganpati Visarjan 2020) के लिए इस बार एक तहत नियम बनाए गए हैं। उन्हीं दिशा-निर्देशों का पालन (Ganesh visarjan 2020 Guidelines) करते हुए ही बप्पा का विसर्जन करना है। 1 सितम्बर गणेश विसर्जन का आखिरी दिन है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति को विसर्जित कर दिया जाता है। कई लोग अपने घरों में बप्पा को डेढ़ दिन, 4 दिन और 7 दिन ही रखते हैं तो वो पहले ही विसर्जित कर चुके हैं। गणेशोत्सव (Ganesh Utsav) बड़े ही हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है। धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ बप्पा को समुद्र या नदी पर ले जाते हैं और विसर्जन करते हैं। लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं करना है। सभी राज्यों में गणेश विसर्जन के अलग-अलग नियम बनाए गए हैं।

महाराष्ट्र में गणेश उत्सव (Maharashtra Ganesh Utsav) की सबसे ज्यादा धूम देखने को मिलती है। लेकिन इस बार नियमों का पालन कर ही लोगों ने गणपति विसर्जित किए हैं और आज करने होंगे। घर पर लाए गए गणपति का विसर्जन वहीं किसी बड़े बरतन में या फिर पास के किसी आर्टिफीशियल कुंड में करना होगा। मंडलो को गणेश जी का विसर्जन फरवरी महीने में पड़ने वाली माघी गणेश चतुर्थी या फिर अगले साल के लिए रोक दिया (Maharashtra Ganpati Visarjan rules) गया है। धूमधाम से गणेश विसर्जन पर रोक है यानी आप सड़कों पर जुलूस नहीं निकाल सकते हैं। पांडालों में जो गणेश जी की आरती होती है वहां लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है।

दिल्ली की बात करें तो यहां किसी भी पब्लिक प्लेस में गणेश प्रतिमा (Delhi Ganesh Visarjan Guidelines) की अनुमति नहीं दी गई थी। वहीं जिन लोगों ने घरों में बप्पा की स्थापना की है उन्हें तालाब, यमुना नदी, किसी भी सार्वजनिक स्थल पर विसर्जन की रोक है। आपको साधारण तरीके से घर के किसी बड़े टब या बर्तन में ही गणपति का विसर्जन करना है।

यूपी (Uttar Pradesh) और मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की बात करें तो यहां पर भी गणपति की स्थापना सार्वजनिक स्थान पर अनुमति नहीं थी। अगर आप भगवान गणेश के मंदिर जाते हैं तो वहां 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। अगर आप गणेश जी का विसर्जन करने के लिए जाते हैं तो सिर्फ दो लोगों की ही परमिशन दी गई है। सड़क पर जुलूस निकालकर विसर्जन करने पर पाबंदी है।

कर्नाटक की ओर नजर डालें तो यहां राज्य सरकार ने पंडाल में उत्सव की अनुमति (Karnataka Ganpati Visarjan) दी है। लेकिन इसमें कुछ अहम चीजों पर रोक है। जैसे सावर्जनिक जुलूस पर पाबंदी है। अगर किसी सोसाइटी में गणपति बप्पा का पंडाल लगाया गया है तो उन्हें उस एरिया में विरर्जित करना (Ganpati Farewell) अनिवार्य है। इसके अलावा मास्क पहनना बेहद आवश्यक है।