
नई दिल्ली: पानी इंसान से लेकर जानवर यानि हर किसी के लिए जरूरी है। वहीं बोतल बंद पानी आज के दौर में लगभग हर किसी की जरूरत बन गई है। घर से बाहर हैं तो मतलब पानी बाहर से ही खरीदना पड़ेगा। कई कंपनियों का पानी मार्किट में बिकता है। हम भी दुकान से खरीदते हैं और कहते हैं कि 'मिनरल वाटर' ही देना, लेकिन क्या हर बोतल बंद पानी मिनरल वाटर ही है? अगर नहीं है तो फिर क्या है? चलिए बताते हैं आपको।
आमतौर पर ये पानी खरीदते हैं हम
मार्किट में दो तरह के पानी की बोतल बिकती है। एक मिनरल वाटर और दूसरी पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर। आमतौर पर जो हम पानी खरीदते हैं वो मिनरल वाटर नहीं बल्कि, पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर होता है। मतलब वही बोतल जो 20,30, 40 रुपये तक की आती हैं। दरअसल, ये नल के पानी को प्यूरिफाई करके तैयार किया जाता है। ये पानी बेचने वाली कंपनियां पानी को प्यूरिफाई करने के लिए रिवर्स ऑस्मोसिस जैसे कैमिकल प्रोसेस का इस्तेमाल करती हैं। इसमें मिनरल्स मतलब कि खनिज तत्व सामान्य होते हैं।
ये होता है मिनरल वाटर
मिनरल वाटर में खनिज तत्वों का पूरा ध्यान रखा जाता है। इस पानी को प्राकृतिक स्त्रोतों से लिया जाता है। जैसे प्राकृतिक झरने, फव्वारे आदि। साथ ही इस पानी को प्यूरिफाई भी किया जाता है और इसमें अलग से भी खनिज तत्व मिलाए जाते हैं। इस पानी की कीमत पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर से ज्यादा होती है। मतलब कि एक बोतल की कीमत लगभग 100 रुपये से ज्यादा। मिनरल और पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर में पता ऐसे लगाया जा सकता है कि जिस बोतल पर IS:14543 का मार्क होता है वो तो पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर है। वहीं जिस बोतल पर IS:13428 का मार्क है वो मिनरल वाटर। ये मार्क ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने तय किए हैं जो देश की मानक संस्था है।
Published on:
19 Oct 2019 04:09 pm
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