
नई दिल्ली: देश में एक बार फिर से कुछ ऐसा ही माहौल नजर आ रहा है जैसा कि ठीक निर्भया गैंग रेप केस के समय आया था। लोग गुस्से में है, सड़कों पर कैंडल मार्च किया जा रहा है क्योंकि लोग चाहते हैं कि 27 वर्षीय पशु चिकित्सक महिला को इंसाफ मिले। हैदराबाद ( Hyderabad ) में हुई इस घटना लोगों को सदमे में डाल दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पशु चिकित्सक महिला बच सकती थी। मतलब वो हमारे बीच जिंदा होती, अपना जीवन जी रही होती। चलिए जानते हैं कैसे।
'तेरा केस-मेरा केस'
हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ जो हुआ उससे पूरा देश दुखी और गुस्से में भी है। लोगों के दिलों में जितना गुस्सा आरोपियों के प्रति है, उससे कई ज्यादा पुलिस के प्रति है। इसकी बड़ी वजह ये है कि महिला डॉक्टर के परिजनों का आरोप है कि जिस समय वो लापता हुई थी, उस दौरान पुलिस उसकी जल्द तलाश करने के बजाय हमें एक थाने से दूसरे थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए भेजती रही, क्योंकि पुलिसवाले तय नहीं कर पा रहे थे कि अपराध किस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। गुरुवार को डॉक्टर का शव मिला था, इसके पहले लापता होने पर उसके पिता और बहन के साथ ही परिवार के अन्य सदस्य पुलिस थाने में मदद की आस लेकर चक्कर काटते रहे थे।
कहां गई पीसीआर?
महिला डॉक्टर के साथ हुई घिनौनी वारदात की शुरुआत टोल बूथ के पास से शुरू हुई। इसके बाद महिला के साथ वो घिनौना खेल खेला गया, जिसे सुनकर ही शर्म आती है। लेकिन ऐसे में लोग पुलिस पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। दरअसल, पुलिस दावे तो काफी बड़े करती है कि उनकी पीसीआर ( PCR ) यानि पेट्रोलिंग टीम रात भर सड़कों से लकेर गली-मोहल्ले तक चक्कर लगाती है। उनकी पैनी नजर रहती है, लेकिन उस वक्त ये पीसीआर कहां थी जिस वक्त महिला डॉक्टर के साथ ये घटना हुई। शायद अगर उस वक्त वहां कोई पीसीआर मोजूद होती, तो महिला आज जिंदा होती। अफसोस लेकिन ऐसा हो न सका।
Published on:
02 Dec 2019 11:35 am
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