
Facts about kalyug
नई दिल्ली। धरती पर पाप कर्म बढ़ने पर हमेशा उसके खात्मे के लिए भगवान को अलग-अलग अवतार (Incarnation) में जन्म लेना पड़ा है। सतयुग से लेकर द्वापर युग तक बुराई के नाश के लिए भगवान विष्णु करीब नौ अवतार ले चुके हैं। अब कलयुग (kalyug) में भी वे अवतरित होंगे। इस बार वो कल्कि के रूप में जन्म लेंगे। ये उनका दसवां अवतार होगा।
श्रीमद भगवद गीता के अनुसार अधर्म का विनाश कर धर्म की स्थापना के लिए वे हर बार प्रकट होंगे। पुराणों के अनुसार कलयुग में पाप, अनैतिकता, लोभ, अधर्म सभी अपने चरम पर होंगे इसलिए दोबारा धर्म की स्थापना के लिए भगवान विष्णु नए रूप में जन्म लेंगे। बताया जाता है कि भगवान कल्कि कलयुग के आखरी समय में सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को जन्म लेंगे।
कई धाार्मिक पुस्तकों के अनुसार भगवान कल्कि (kalki) उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (Moradabad) जिले के संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नाम के एक ब्राह्राण परिवार के घर में जन्म लेंगे। वह सफेद घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करेंगे। उनके जन्मोत्सव की खुशी में हर साल सावन महीने की शुक्ल पक्ष को कल्कि जयंती मनाई जाएगी। वे बुराइयों का अंत करके अच्छाइयों का प्रसार करेंगे।
Published on:
29 Dec 2019 03:54 pm
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