
Lady Sniper
नई दिल्ली। जर्मन तानाशाह हिटलर (Adolf Hitler) से पूरी दुनिया डरती थी। उसके खौफ से बड़े-बड़े सूरमा कांपते थे। ऐसे में अगर आपको पता चले कि खुद हिटलर एक महिला से डरता था तो शायद आप यकीन नहीं कर पाएंगे। मगर ये सच है। दरअसल ल्यूडमिला (Lyudmila Pavlichenko) नामक महिला से पूरी नाजी सेना और जर्मन तानाशाह डरते थे। महिला को 'लेडी डेथ' के नाम से भी जाना जाता था। पहली ऐसी महिला शूटर थीं जिससे हर कोई डरता था।
बंदूक चलाने में वैसे तो लड़कों को महाराथी समझा जाता है, लेकिन इतिहास के पन्नों में ल्यूडमिला पवलिचेंको का नाम पुरुषों को भी टक्कर देता है। महज 25 साल की उम्र में ल्यूडमिला ने अपनी स्नाइपर राइफल से करीब 309 लोगों को ढेर कर दिया था। इनमे से अधिकतर हिटलर के सिपाही थे। उनकी इसी बहादुरी को देख सोवियत संघ की रेड आर्मी में जगह मिली। उन्होंने ये कीर्तिमान तब बनाया जब उस वक्त आर्मी का में महिलाओं को शामिल नहीं किया जाता था।
एक शर्त की वजह से बनीं स्नाइपर
हेनरी साकैडा की किताब 'हीरोइन्स ऑफ द सोवियत यूनियन' के मुताबिक ल्यूडमिला पहले हथियारों की फैक्ट्री में काम करती थीं, लेकिन बाद में एक लड़के की चुनौती की वजह से वो स्नाइपर (निशानेबाज) बन गईं। 12 जुलाई 1916 को यूक्रेन के एक गांव में जन्मीं ल्यूडमिला ने महज 14 साल की उम्र में ही हथियार थाम लिया था। एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पड़ोस में रहने वाला एक लड़का शूटिंग सीखता था और वो लड़कियों को कमजोर समझता था। उसके मुताकि लड़कियां शूटिंग नहीं कर सकती थी। उसकी बात को गलत साबित करने के लिए उन्होंने स्नापर बनने का फैसला लिया था।
द्वितीय विश्व युद्ध में हुई थीं घायल
ल्यूडमिला द्वितीय विश्व युद्ध के समय सोवियत संघ की रेड आर्मी में एक बेहतरीन स्नाइपर थीं। उन्होंने अपनी काबलियत से सारे नियमों को बदल दिया था। हालांकि 1942 में युद्ध के दौरान वह बुरी तरह घायल हो गईं थी। मगर चोट से उबरने के बाद उन्होंने रेड आर्मी के दूसरे निशानेबाजों को ट्रेनिंग देना शुरू किया और फिर बाद में वह रेड आर्मी की प्रवक्ता भी बनीं।
Published on:
29 Nov 2020 04:27 pm
बड़ी खबरें
View Allहॉट ऑन वेब
ट्रेंडिंग
