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नई दिल्ली। गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहने वाले वायु सेना के स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी दो साल पहले, 6 अक्टूबर 2017 को एमआई-17 हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हो गए थे। उनकी शहादत पर पूरा देश रोया था।उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई थी । लेकिन उनकी मां ने जो उनके लिया किया वो गार्ड ऑफ ऑनर से भी बढ़कर हैं। अपना लाडला खोने के बाद मां ने गरीब बच्चों को ही अपना बेटा मान लिया और उनकी जिंदगी संवारने में जुट गई।
गरीब बच्चों को पढ़ाती हैं शहीद की मां
दरअसल, शहीद शिशिर की मां सविता तिवारी ने अपने बेटे को शहीद होने के बाद भी जिंदा रखा है। सविता गरीब बच्चों को पढ़कार उनके सपने पूरे करने में जुट गई हैं। उनका कहना है कि एक बेटा देश सेवा में शहीद हो गया तो क्या मैं इन बच्चों को अपना बेटा मानती हूं और इनको सेना में भेजूंगी ताकि ये सभी देश की सेवा कर सके।
दो साल पहले बनाया था ट्रस्ट
सविता तिवारी अपने पति शरद तिवारी के साथ मिल कर बीते साल 15 अगस्त 2018 को ‘शहीद स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी चैरिटेबल ट्रस्ट‘ बनाया था। इस ट्रस्ट के जरिये दोनों दंपति गरीब बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनको अच्छे खाने-पीने की व्यवस्था भी करती हैं । सविता ने जब ये ट्रस्ट खोला था तब केवल 10 बच्चे ही आते थे लेकिन अब एक साल बाद उनके पास लगभग 350 बच्चे पढ़ने आते हैं। इस नेक काम में उनके पास के लोग उनकी मदद करते हैं लेकिन फिर भी कई बार फंडिंग नहीं मिल पाती। बावजूद इसके सविता बच्चों को पूरी व्यवस्था करती हैं। वह कहती हैं, ‘मेरा एक ही सपना है ये बच्चे पढ़-लिखकर पुलिस अफसर, आर्मी अफसर, वकील, डॉक्टर बने। यही मेरे लाल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।’
साल 2017 में शहीद हुए थे शिशिर तिवारी
बता दें, 6 अक्टूबर 2017 को भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर चीनी बॉर्डर से महज 12 किमी दूर अरुणाचल प्रदेश में तवांग इलाके में दुर्घटना का शिकार हो गया था। इसमें 7 जवान शहीद हुए थे जबकि 2 अन्य लोग मारे गए।
Published on:
18 Nov 2019 03:05 pm
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