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लोहे जैसे शरीर वाला ये शख्स किसी का बाउंसर नहीं बल्कि पुलिस का जवान है, इस चट्टान के पीछे है इन लोगों का हाथ

मोतीलाल की मदद करने वाले सभी लोग चाहते हैं कि पुलिस का यह जवान कानून की रखवाली के साथ-साथ अपने शौक को भी पूरा कर सके।

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लोहे जैसे शरीर वाला ये शख्स किसी का बाउंसर नहीं बल्कि पुलिस का जवान है, इस चट्टान के पीछे है इन लोगों का हाथ

नई दिल्ली। आप ऐसे हज़ारों लोगों को जानते होंगे, जिन्होंने अपने पेशे के साथ-साथ अपनी दमदार बॉडी की वजह से दुनियाभर में पहचान बनाई है। शरीर को चट्टान बना चुके ये लोग बॉडीबिल्डर्स होने के साथ-साथ एक्टर, स्पोर्ट्स पर्सन या फिर किसी अन्य प्रोफेशन से जुड़े होते हैं। लेकिन क्या आप किसी ऐसे बॉडीबिल्डर को जानते हैं, जो पेशे से एक पुलिस का कर्मचारी हो। यदि आप किसी बॉडीबिल्डर पुलिसकर्मी को नहीं जानते तो आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो पुलिस में होने के साथ-साथ एक लोहालाट शरीर का भी मालिक है।

30-35 हज़ार सेलरी पाने वाले मोती फिटनेस पर खर्च करते हैं एक लाख रुपये
मोतीलाल दायमा नाम का यह जवान इंदौर पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत हैं। 2012 में पुलिस ज्वाइन करने वाले मोतीलाल को सेलरी के रूप में 30-35 हज़ार रुपये ही मिलते हैं, लेकिन दायमा अपनी फिटनेस के लिए हर महीने एक लाख रुपये तक खर्च करते हैं। एक हिंदी वेबसाइट के मुताबिक दायमा की डाइट पर होने वाले खर्च का कुछ हिस्सा पुलिस के अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों का भी होता है। ये लोग अपनी स्वेच्छा से मोतीलाल की आर्थिक मदद करते हैं।

मोतीलाल के जुनून को मिलता है अधिकारियों का पूरा सपोर्ट
मोतीलाल की मदद करने वाले सभी लोग चाहते हैं कि पुलिस का यह जवान कानून की रखवाली के साथ-साथ अपने शौक को भी पूरा कर सके। मोती को अधिकारियों और लोगों की मदद न मिले तो उनकी डाइट पर काफी प्रभाव पड़ सकता है। फिलहाल मोतीलाल दायमा कानून की सुरक्षा के साथ-साथ नागरिकों की सेवा और अपना बॉडीबिल्डिंग का शौक भी पूरा कर रहे हैं। मोतीलाल के इस जुनून में सबसे खास बात ये है कि पुलिस के अधिकारी भी उनकी पूरी मदद कर रहे हैं, ताकि वे बॉडीबिल्डिंग के इस जोश को बरकरार रख सकें।