23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Navratri 2020: लहसुन-प्याज की तरह इन 5 चीजों से भी रहें दूर, जानें किन आहार से करें परहेज

आहार का हमारे व्यवहार और विचार पर भी पड़ता है असर Navratri में करना चाहिए सात्विक भोजन

2 min read
Google source verification
sattvic diet in navratri

sattvic diet in navratri

नई दिल्ली। Shardiya navratri 2020। आज से पूरे देश में नवरात्र का त्यौहार पूरे धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है हर मंदिरों में मां दुर्गा के भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। नवरात्र के दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना करके पूरे साल सुख-समृद्धि बने रहने की कामना करते है। क्योंकि इस नौ दिन में मां शक्ति रूपी दुर्गा का वास धरती में रहता है। और नौ दिन तक पूरे नियमों का पालन करते हुए उनकी पूजा करने से मां भक्त से खुश होकर उसकी झोली खुशियों से भर देती है। यदि आप भी मां देवी का प्रसन्न करना चाहते है तो कुछ खास नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं नवरात्र के समय में कौन से काम करने से बचना चाहिए।

आहार कैसे हमारे व्यवहार पर असर डालता है?
पुरानी धारआमों के अनसार कहा गया है कि जैसा हम आहार लेते है उसका असर हमारे आचार विचार पर विशेष रूप से पड़ता है। आहार से ही हमारी कोशिकाओं का निर्माण होता है। जिस तरह का आहार हम ग्रहण करते हैं, उसी तरह का व्यवहार और विचार हमारे अन्दर उत्पन्न होता है।इसलिए इन नवरात्र के समय सात्विक आहार का उपयोग करने के लिए ज्यादा जोर दिया जाता है।

किन चीजों को हम सात्विक आहार नहीं कह सकते?
- प्याज, लहसुन, सरसों का साग, मशरूम,मांस, मछली, मादक पदार्थ, बासी खाना
क्या है सात्विक आहार?
- अनाज

- दूध से बनी चीजें
- सभी प्रकार की सब्जियां
- फल और मेवे

इन स्वभाव वालों को करना चाहिए ऐसा आहार?
यदि आप स्वभाव से काफी कमजोर है हर गलत चीजों को देख भावुक हो जाते हैं तो ऐसे लोगों को गुड और मीठी चीजें का सेव इस नवरात्र में जरूर करते रहना चाहिए। साथ में रात के बचे खाने से परहेज करना चाहिए। यदि आप बहुत ज्यादा क्रोधी हैं तो प्याज, लहसुन और मांस मछली से परहेज करें। यदि आप हमेशा तनाव में रहते है तो दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन करें। मशरूम और कंद से परहेज करें। यदि आप शरीरिक रूप से कमजोर है तो ज्यादा से ज्यादा सब्जियां खाएं। अनाज कम खाएं। यदि आपके मन में हमेशा बुरे विचार आते रहते हैं तो मांस, मछली, प्याज, लहसुन न खाएं, मसूर की दाल खाने से भी परहेज करें।

नवरात्रि में क्यों करते हैं सात्विक भोजन?
सात्विक शब्द 'सत्व' शब्द से बना है। इसका अर्थ होता है, शुद्ध, ऊर्जावान, सादगी से परिपूर्ण, शरीर को शुद्ध कर मन को शांति प्रदान करने वाला शब्द है। इसमें शुद्ध शाकाहारी चीजों का इस्तेमाल होता है। नवरात्रि के दौरान लोग सात्विक खाना खाते हैं। इसके पीछे धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं नवरात्रि का त्योहार अक्टूबर-नवंबर महीने में आता है। इस दौरान वर्षा केबाद ठंड का मौसम आने के बाद अचानक वातावरण में बदलाव होता है जिसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है। ऐसे में सात्विक भोजन को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है।