
पशुपालकों से गोबर खरीदेगी उत्तरी दिल्ली नगर निगम, एक टन गोबर के लिए दिए जाएंगे 651 रुपये
नई दिल्ली। गाय-भैंस पालने वालों के लिए एक बेहद ही अच्छी खबर है। डेयरी फार्म चलाने वाले लोगों की मासिक कमाई में अब निश्चित तौर पर हज़ारों रुपयों का मुनाफा होना तय है। जी हां, अब आप गाय-भैंस के गोबर को बेचकर भी पैसे कमा सकते हैं। दिल्ली नगर निगम आपकी डेयरी से निकलने वाले गोबर को खरीदकर उसे बायो मिथनाइजेशन प्लांट में इस्तेमाल करेगा। इसके लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने काम भी शुरू कर दिया है। निगम ने भलस्वा डेयरी में इस खास प्लांट को लगाने की पहल की है।
स्वच्छ भारत अभियान को मिलेगी नई उड़ान
निगम के इस पहल से न सिर्फ पशु पालकों को लाभ मिलेगा, बल्कि इससे कई तरह के खास फायदे भी होंगे। इस पहल से सफाई पर सबसे ज़्यादा सकारात्मक असर पड़ेगा। इसके अलावा सीवर जाम की समस्या से भी निजात मिलना तय है। निगम के इस फैसले से पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को एक अलग उड़ान मिलनी तय है। जानकारी के मुताबिक इस प्लांट में भलस्वा डेयरी के अलावा झड़ौदा डेयरी से निकलने वाले गोबर को इस्तेमाल में लाया जाएगा। निगम की इस ज़बरदस्त परियोजना के लिए बकायदा टेंडर भी जारी किए जाएंगे।
एक टन गोबर के मिलेंगे 651 रुपये
उत्तरी दिल्ली नगर निगम इस परियोजना के लिए अच्छी-खासी ज़मीन भी दे रही है। इस परियोजना को केवल हरी झंडी मिलने की देर है, जिसके निगम की होने वाली बैठक में मिल जाने की पूरी उम्मीदें हैं। बता दें कि दिल्ली की इन दो डेयरियों से रोज़ाना करीब 160 टन गोबर निकलता है। गोबर खरीदने के लिए निगम ने कीमत भी तय कर दी है। एक टन गोबर के लिए पशुपालकों को 651 रुपये अदा किए जाएंगे। बीते गुरूवार को हुई निगम की एक बैठक में इस परियोजना को लेकर बात की गई थी। निगम पशुपालकों के गोबर से बिजली और गैस के अलावा खाद भी बनाने के काम में इस्तेमाल करेगी।
Published on:
13 Oct 2018 11:42 am
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