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राधा-कृष्ण की रासलीला के गवाह बनते हैं तुलसी के पौधे, रात होते ही बदल लेते हैं रूप

Nidhivan : वृंदावन के निधिवन में श्रीकृष्ण का आज भी होता है वास

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Nidhivan

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नई दिल्ली। भारत को मान्यताओं और आस्था का केंद्र माना जाता है। ऐसे में देश में कई ऐसी रहस्यमयी जगह हैं जहां आज भी भगवान के अस्तित्व की झलक देखने को मिलती हैं। इन्हीं जगहों में से एक है वृंदावन का निधि वन। जानकारों के मुताबिक इस जगह राधा और कृष्ण (Radha- Krishna) शाम के अंधेरे में रास रचाने (rasleela) आते हैं और उनका साथ देने के लिए वन में मौजूद पेड़ गोपियां बन जाती हैं।

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पौराणिक मान्यता के तहत हर शाम आरती के बाद निधिवन (NIdhivan) को बंद कर दिया जाता है, उसके बाद वहां कोई नहीं रहता। यहां तक कि पशु-पक्षी भी अपना ठिकाना कहीं और बसा लेते हैं। कहा जाता है कि जो भी मनुष्य रासलीला देखने की कोशिश करता है, वह या तो पागल हो जाता है या उसकी मौत हो जाती है।

निधिवन की एक और बात बेहत आश्चर्यजनक है, वो है यहां लगे तुलसी के पौधे। निधिवन में तुलसी का हर पौधा जोड़े में है। कहते हैं जब राधा-कृष्ण वन में रास रचाते हैं तब यही जोड़ेदार पेड़ गोपियां बन जाती हैं। जैसे ही सुबह होती है तो सब फिर ये तुलसी के पौधे में बदल जाती हैं।