
नई दिल्ली। आने वाले 2 दिनों के अंदर पृथ्वी से सोलर स्टॉर्म के टकराने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि सूरज में एक खास तरह का छेद होगा, जिसे कोरोनल छेद कहा जाता है। इससे बड़े पैमाने पर ऊर्जा निकलेगी। निकलने वाली इस ऊर्जा में कॉस्मिक किरणें भी शामिल होंगी। जिसकी वजह से धरती पर टेक ब्लैकआउट हो सकता है। ऐसी स्थिती में सैटेलाइट आधारित सभी सेवाएं ठप्प हो जाएंगी। जिसकी वजह से मोबाइल सिग्नल, टीवी, जीपीएस, नेविगेशन के साथ-साथ तमाम सेवाएं प्रभावित होंगी।
इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि सोलर स्टॉर्म के पृथ्वी पहुंचने की पुष्टि नासा ने भी कर दी है। नासा ने इस बाबत एक तस्वीर जारी की है। नासा की मानें तो तूफ़ान, धरती के सोलर प्लेट के तकरीबन आधे हिस्से को काट देगा। जिससे एक बड़े से छेद का निर्माण होगा। ऐसी स्थिती में सूर्य के इलाके से बेहद ही गरम हवा का एक तूफान पृथ्वी की ओर आएगा। इस तूफान में गैस के तूफान को भी आसानी से देखा जा सकेगा।
नेशनल ओशन ऐंड अटमॉस्फियर असोसिएशन ने कहा है कि आने वाला सोलर स्टॉर्म जी-1 श्रेणी का है, जिसका सीधा मतलब ये है कि यह तूफान बहुत ज़्यादा भारी नहीं होगा। लेकिन इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि यह तूफान बड़े स्तर पर तबाही मचाने के लिए काफी है। सूर्य की सतह पर होने वाले क्षणिक बदलाव की वजह से ही सोलर स्टॉर्म आते हैं। सोलर स्टॉर्म को मुख्य रूप से 5 श्रेणियों में रखा गया है, जिनमें जी1, जी2, जी3, जी4 और जी5 शामिल है। जी5 सोलर स्टॉर्म सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। हालांकि इस तूफान से सबसे ज़्यादा नुकसान अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में होने की संभावना जताई जा रही है। रिपोर्ट में भारत की स्थिती को लेकर कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है।
Published on:
07 May 2018 03:55 pm
बड़ी खबरें
View Allहॉट ऑन वेब
ट्रेंडिंग
