18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पिता की नौकरी छूटने की वजह से इस काम को करने के लिए मजबूर हो गए क्रिकेटर रोहित शर्मा

रोहित शर्मा इंडियन क्रिकेटर हैं। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम कई मैच जीत चुकी है। रोहित का बचपन बहुत ही संघर्ष भरा रहा था।

2 min read
Google source verification

image

Nitin Sharma

Apr 30, 2019

पिता की नौकरी छूटने की वजह से इस काम को करने के लिए मजबूर हो गए क्रिकेटर रोहित शर्मा

पिता की नौकरी छूटने की वजह से इस काम को करने के लिए मजबूर हो गए क्रिकेटर रोहित शर्मा

नई दिल्ली।टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज रोहित शर्मा आज किसी पहचान के लिए मोहताज नहीं हैं। लेकिन उनका बचपन का एक समय ऐसा भी थी जब क्रिकेटर बनने की उनकी चाहत और रास्ता दोनों ही मुश्किलों से भरे हुए थे। रोहित शर्मा ने आज जो कुछ भी हासिल किया है वो किसी के लिए आसान नहीं है। जिंदगी बहुत ही कठिन रास्तों से होकर गुजरी तब जाकर आज रोहित शर्मा एक शानदार खिलाड़ी के तौर पर उभरे हैं।रोहित के बचपन में कई ऐसे मोड़ आए जब उन्हे घर के लोगों की नाराज़गी भी सहनी पड़ी।

रोहित शर्मा ने ठोके हैं 3 दोहरे शतक, यहां जानें उनकी बेतरीन पारियों के बारे में

रोहित शर्मा की मां कभी नहीं चाहती थी कि वो क्रिकेटर बने उनकी मां चाहती थी कि रोहित अच्छा पढ़-लिखकर एक अच्छी नौकरी करें। लेकिन उनका क्रिकेटर बनने का सपना इन सभी बातों और विरोधों से आगे नहीं दबा। रोहित शर्मा के पिता ट्रांस्पोर्ट का काम करते थे और कहते हैं कि रोहित की उम्र उस समय बहुत कम थी जब उनके पिता की नौकरी छूट गई। इस दौरान रोहित शर्मा को काफी मेहनत करनी पड़ी और ऐसे में घर की सारी जिम्मेदारियाँ उन्ही के ऊपर आ गई थीं। जब ऐसा हुआ था उस दौरान रोहित शर्मा रणजी ट्रॉफी के लिए खेला करते थे।

34 साल पहले 7 साल का बच्चा खेल-खेल में पार कर गया था सरहद, पाकिस्तान ने लौटाने के बदले की ऐसी मांग

रोहित शर्मा की मां विशाखापत्तनम की हैं और रोहित महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं इसलिए उनकी बोलचाल की भाषा में हिंदी, अंग्रेजी, मराठी और तेलगू की झलक महसूस होती है। कहा जाता है कि रोहित वीरेंद्र सहवाग को अपना आइडल मानते थे और उनसे मिलने के लिए कई बार स्कूल भी बंक कर दिया करते थे। जिस दौरान रोहित मुंबई टीम में खेलते थे उनके एक साथी के पिता जो टीम के कोच भी थे उन्होने ही रोेहित की प्रतिभा को पहचाना था।