
नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण पर साहिर लुधियानवी का शेर याद आता है "कभी खुद पे कभी हालत पे रोना आया, बात निकली तो हर बात पे रोना आया।" आज के परिपेक्ष के मद्देनज़र अगर देखा जाए आज हमारे साथ भी कुछ ऐसा ही कुछ हो रहा है। प्रदूषण की धुंध की वजह से हालात इतने ख़राब हो गए हैं कि दिल्ली-एनसीआर में लोगों का सांस लेना तो दूभर हो गया है। आज सुबह ख़बरों में बताया गया है कि दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 365 है जो की कल 924 पहुंच चुका था। सोशल मीडिया पर प्रशासन पर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। तमाम सवालों के बीच एक सवाल ये भी उठ रहा है कि Air Quality Index (AQI) राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक क्या है।
क्या होता है AQI?
राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक AQI को इसलिए बनाया गया है ताकि पता लगाया जा सके कि जिस हवा में हम सांस ले रहे हैं वह कितनी शुद्ध है। ये सूचकांक ये भी बताता है कि हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा कितनी है। सूचकांक के तहत हवा की गुणवत्ता को 6 भागों में बांटा गया है।
1- अच्छी
2- संतोषजनक
3- थोड़ा प्रदूषित
4- खराब
5- बहुत खराब
6- गंभीर
कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कई तरह के दूषित तत्वों से हवा ज़हरीली हो जाती है। इस जहरीली हवा में तरल बूंदों, ठोस कणों होते हैं ये ठोस कण इतने छोटे होते हैं कि वह आपको दिखेंगे नहीं। सांस लेने पर ये कण फेफड़ों में चले जाते हैं और शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं।
Updated on:
05 Nov 2019 01:28 pm
Published on:
05 Nov 2019 01:17 pm
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