
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा में महान समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति टूट गई थी। इसी बीच सोशल मीडिया पर सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गए। इन्हें शेयर करके दावा किया जा रहा है कि फुटेज से पता चल गया है कि विद्यासागर की मूर्ति को TMC के कार्यकर्ता तोड़ रहे हैं। इन फुटेज में कुछ लोग सफेद रंग के स्टैच्यू को हथौड़ों से तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
इसके कैप्शन में भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करके दोष टीएमसी कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा है। एक मीडिया हाउस ने अपनी पड़ताल में पाया है कि ये फुटेज फेक हैं। इनके माध्यम से भ्रम फैलाया जा रहा है कि टीएमसी कार्यकर्ता प्रतिमा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार- इन फुटेज का विद्यासागर की प्रतिमा से कोई नाता नहीं है। दरअसल cctv फुटेज में दिखाई दे रहे लोग ISIS के आतंकी हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह फुटेज और तस्वीरें 2015 की हैं। आईएसआईएस के कुछ आतंकियों ने उत्तरी इराक में प्राचीन प्रतिमाओ और कलाकृतियों को हथौड़ों से तोड़ा था। तब ये घटना सुर्खियों में रही थी। सीएनएन चैनल में भी इसे दिखाया गया था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन फुटेज से ईश्वरचंद्र विद्यासागर की टूटी प्रतिमा की तुलना की जाए, तो इसमें समानता नहीं दिखती। ये फुटेज भारत की किसी घटना से भी संबंधित नहीं हैं।
Updated on:
18 May 2019 08:20 pm
Published on:
18 May 2019 08:16 pm
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