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Engineering की पढ़ाई करने वाले Prashant Bhushan कैसे बने देश के Top Lawyer ? जानें पूरी कहानी

वकील प्रशांत भूषण(Prashant Bhushan) सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और 04 पूर्व जजों को लेकर अपमानजनक ट्वीट करने के बाद वो मुश्किल में फंसे हुए है। आज भी इस मामले (Prashant Bhushan Case) में बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।  

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Vivhav Shukla

Aug 20, 2020

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Prashant Bhushan

नई दिल्ली। वकील प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और 04 पूर्व जजों को लेकर अपमानजनक ट्वीट करने के बाद वो मुश्किल में फंसे हुए है। आज भी इस (Prashant Bhushan Case) में बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।

कोर्ट ने प्रशांत भूषण के सामने माफीनामा दाखिल करने के लिए 24 अगस्त तक का समय दिया है। SC की तरफ से कहा गया है कि अगर माफीनामा जमा होता है, तो उस पर 25 अगस्त को विचार किया जाएगा। ऐसा नहीं है कि प्रशांतभूषण पहली बार सुर्खियों में आए हैं। वे इससे पहले भी कई विवादों में उनका नाम सामने आ चुका है।

कौन हैं प्रशांतभूषण ?

सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के केस (Contempt of Court case against Prashant Bhushan) का सामना कर रहे प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) देश के सबसे चर्चित वकीलों में से एक हैं।

प्रशांत भूषण को आमतौर पर सोशल और लीगल एक्टिविस्ट (Social and legal activist) के तौर पर ज्यादा जाना जाता है। इसके अलावा प्रशांत न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज भी उठाते रहे हैं और आंदोलन भी करते रहे हैं। 15 साल की वकालत के दौरान वो 500 से अधिक जनहित याचिकाओं का केस लड़ चुके हैं।

इंजीनियरिंग के छात्र थे प्रशांत

प्रशांत (Prashant Bhushan) पढ़ने में हमेशा से अच्छे थे। आईआईटी में सेलेक्ट होने के बाद वे आईआईटी मद्रास से इलैक्ट्रिक इंजीनियरिंग करने भी गए थे। लेकिन एक साल बितने के बाद उन्हें लगा ये जगह उनके लिए नहीं है। फिर क्या वे इंजीनियरिंग छोड़ कर New Jersey के Princeton University से इकोनॉमिक्स और फिलास्फी की पढ़ाई करने लगे गए। लेकिन यहां भी वो ग्रेजुएट होने से देश लौट आए।

इसके बाद उनके पिता शांति भूषण (Shanti Bhushan) जो पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और अपने दौर के बहुचर्चित वकील भी थे उन्होंने प्रशांत से कानून की पढ़ाई करने के लिए कहा। इसके बाद वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की और वकील बन गए।

फिर साल बाद 2012 में जब अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) की अगुआई में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ, तब भूषण इसके संस्थापक सदस्य भी थे। हालांकि केजरीवाल से मतभेदों के कारण वे पार्टी से दूर हो गए।