टमाटर को भारी कीमत मिल रही है। ऐसी भी खबरें हैं कि टमाटर को चुराने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। खेतों में लगे पौधों से टमाटर को बचाना किसानों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसी तरह, तालुक के कोडगनूर गांव के टमाटर उत्पादक हाथ आया निवाला कहीं छिन ना जाए इसके लिए अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए दिन-रात खेतों में निगरानी कर रहे हैं।
टमाटर के बढ़े दामों ने आमजन के साथ किसानों की भी नींद उड़ाई
टमाटर चोरी की वारदातों से अधिक बढ़ी समस्या
दावणगेरे. टमाटर को भारी कीमत मिल रही है। ऐसी भी खबरें हैं कि टमाटर को चुराने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। खेतों में लगे पौधों से टमाटर को बचाना किसानों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसी तरह, तालुक के कोडगनूर गांव के टमाटर उत्पादक हाथ आया निवाला कहीं छिन ना जाए इसके लिए अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए दिन-रात खेतों में निगरानी कर रहे हैं।
यह पहली बार टमाटर को बंपर कीमत मिली है। कीमत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसी प्रकार चोरों का खतरा भी बढ़ गया है। अगर कोई खेत में घुसकर टमाटर की एक टोकरी भी उठा ले गया तो हजारों रुपए का नुकसान हो जाएगा, इस डर से किसान अपने साथियों और पालतू कुत्तों के साथ रात में खेतों में डेरा डालकर पहरा दे रहे हैं।
वे अपनी जमीन के किनारे तंबू और छोटी सी झोपड़ी लगाकर, अपने साथ लाठियां और बैटरियां रखकर फसल की देखभाल पूरी लगन से कर रहे हैं।
एक पेटी की कीमत दो हजार रुपए
कोडगनूर गांव के युवा किसान शरत ने कहा कि मैंने 70 हजार रुपए खर्च कर एक एकड़ में टमाटर उगाए हैं। 200 पेटियां पहले ही बिक चुकी हैं। टमाटर की एक पेटी (20 किलो) की कीमत दो हजार रुपए है। कीमत लगातार बढऩे के कारण दिन-रात पहरा देना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि वे दो दिन पहले रात के खाने के लिए घर गए थे। खाना खाकर खेत पहुंचने तक चोरों ने 2 पेटी टमाटर चुरा लिया था। इस कारण खेत के बगल में झोपड़ी डालकर तिरपाल से ढककर पहरा दे रहे रहे हैं। सुबह वे और शाम को उनके पिता बारी-बारी से पहरा दे रहे हैं। पड़ोसी खेतों के किसान ट्रैक्टर ट्रेलर को तिरपाल से ढक कर उसमें आश्रय प्राप्त कर पहरा दे रहे हैं।
सीसीटीवी कैमरा लगाने के बारे में सोच रहे
गांव के एक अन्य किसान मारुति ने कहा कि हमारे गांव में 20 से 30 किसानों ने टमाटर उगाया है। एक के खेत में चोरी हुई है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम सीसीटीवी कैमरा लगाने के बारे में सोच रहे हैं। गांव के बाहर खेत में टमाटर की निगरानी कर रहे हैं।