
धारवाड़-बेलगावी के बीच सीधी रेलवे लाइन परियोजना को हरी झंडी
पहले चरण में क्यारकोप्पा-मम्मिगट्टी खंड पर होगा काम
अगस्त-सितंबर माह में सिविल वर्क शुरू होने की उम्मीद
हुब्बल्ली. उत्तर कर्नाटक के लोगों की लंबे समय से चली आ रही धारवाड़-बेलगावी सीधी ट्रेन लाइन के लिए आखिरकार समय आ ही गया है और पहले चरण में क्यारकोप्पा-मम्मिगट्टी के बीच ट्रैक का निर्माण किया जाएगा।
यह बहुत दिनों का सपना है। व्यापार वाणिज्य लेनदेन और आमजन के परिवहन के लिए बहुत सहायक इस योजना को लागू करने के लिए काफी दबाव संघर्ष और पत्र व्यवहार किया गया था। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में सहयोग करने का समय आ गया है। कई लोगों की मांग की उम्मीद बनी इस सीधी नई रेलवे परियोजना के लिए मुहूर्त भी आ गया है, दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) ने पहले चरण में क्यारकोप्पा-मम्मिगट्टी के बीच ट्रैक बनाने का फैसला किया है।
अगस्त के बाद काम शुरू होने की उम्मीद
धारवाड़-बेलगावी सीधे नए मार्ग निर्माण पर विचार किया गया है और यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो अगस्त-सितंबर के महीने में सिविल कार्य शुरू हो जाएगा। क्यारकोप्पा तक मौजूदा ब्रॉड गेज लाइन को छोडक़र वहां से मम्मिगट्टी तक 11.70 किमी (रेलवे किमी कोड के अनुसार 6100 से 17800) ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) मॉडल पर 243.66 करोड़ रुपए की अनुमानित परियोजना लागत पर नई लाइन का निर्माण करने का निर्णय लिया है। निविदाएं पहले ही आमंत्रित की जा चुकी हैं और बोलियां 6 जून को खोली जाएंगी। उम्मीद है कि इस संबंध में सभी टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगस्त-सितंबर माह में काम शुरू हो जाएगा। साल 2021-22 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा की ओर से पेश किए गए बजट में 463 करोड़ रुपए की घोषणा की थी। इसी तरह रेल विभाग ने पिछले साल 20 करोड़ रुपए और इस साल 10 करोड़ रुपए खर्च उपलब्ध करने की घोषणा की है। इस परियोजना में क्याराकोप्पा, मुम्मिगट्टी, तेगूर, कित्तूर, हुलिकट्टी, एमके हुबली, बागेवाड़ी, कणवी करविनकोप्पा और देसूरु गांव में स्टेशन होंगे। क्यारकोप्पा और देसूर में जंक्शन बनाया जाएगा।
और 828 एकड़ जमीन की जरूरत
73 किमी लंबी नई रेलवे लाइन निर्माण परियोजना के लिए 828 एकड़ भूमि की आवश्यकता है और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। इसमें धारवाड़ जिला कार्यक्षेत्र के रेल लाइन के किमी. 7 से 26 किमी तक 256 (91.46 हेक्टेयर) की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और मार्च के महीने में कर्नाटक सरकार की ओर से दक्षिण पश्चिम रेलवे को सौंपी जा रही है। जमीन का अधिग्रहण होते ही परियोजना की गतिविधियां शुरू कर दी जाएंगी।
अनीश हेगड़े, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, दक्षिण पश्चिम रेलवे
Published on:
16 Feb 2023 11:48 am
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