
हुब्बल्ली के गब्बुर गली स्थित श्री रामदेव मंदिर परिसर में आयोजित कथा का श्रवण करते भक्तगण।
यदि हम अच्छे लक्षण वाले लोगों के पास बैठेंगे तो हमें अच्छी सीख मिलेगी। यदि कोई हमें हमारी कमी बताएं तो हमें नाराज होने की बजाय उसका अहसान मानना चाहिए। उस कमी में ही हमारे जीवन की तरक्की छिपी है। उदयपुर से आए कथावाचक पुष्करदास महाराज ने यह बात कही। शुक्रवार को यहां गब्बुर गली स्थित श्री रामदेव मंदिर परिसर में 15 दिवसीय श्रीमद्भागवत, रामायण एवं नानी बाई का मायरा के तीसरे दिन कथा का श्रवण कराते हुए उन्होंने कहा कि हमें वृक्ष की तरह सहनशील बनने की जरूरत है। कोई हमें मान दे या न दें, हमें सबको मान देना चाहिए। हम छोटा बनना भी सीखें। भगवान स्वयं छोटे बन जाते हैं।
हरिनाम का कीर्तन
श्री रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के तत्वावधान में आयोजित कथा के दौरान कथावाचक पुष्करदास ने कहा कि यदि कोई सज्जन पुरुष गलती करता हैं तो दुनिया उस पर अंगुली उठा देती हैं लेकिन यदि वही गलती कोई दुर्जन व्यक्ति करेगा तो कुछ नहीं। जीवन में संगत का बहुत असर होता है। संगति के कारण ही परिवार टूटते या बचते हैं। उन्होंने पूर्णिमा, अमावस्या, ग्यारस एवं अन्य शुभ अवसरों पर भजन-कीर्तन करने को अच्छा बताते हुए कहा कि कीर्तन करने से माया दूर होती है। हरी नाम का कीर्तन करें। इससे ही मायारूपी भीड़ हटेगी।
भजनों की प्रस्तुति
तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत…. समेत अन्य भजनों की प्रस्तुति पर भक्तों ने भी सुर में सुर मिलाते हुए साथ दिया। कथा के दौरान विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से रोचक शैली में प्रस्तुति दी गई। विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से भी कथा के विभिन्न आयामों को रेखांकित किया गया।
विभिन्न स्थानों से शामिल हो रहे भक्तगण
श्री रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के अध्यक्ष उदाराम प्रजापत एवं सचिव मालाराम देवासी ने बताया कि कथा में शामिल होने के लिए शहर के विभिन्न इलाकों से प्रवासी महिला-पुरुष शामिल हो रहे हैं। कथा 4 सितम्बर तक चलेगी। चातुर्मास के पावन पर्व पर आयोजित की जा रही कथा प्रतिदिन सुबह 9 बजे से सुबह 11 बजे तक चल रही है। कथा को लेकर भक्तों में उत्साह का माहौल है।
Published on:
23 Aug 2024 03:56 pm
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