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धार्मिक स्थल के रूप में उभरा वरुर तीर्थक्षेत्र

अहिंसा को अपना सर्वोच्च सिद्धांत मानने वाले जैन समुदाय में संकट के समय अन्य सभी समाजों को एकजुट करने और पूरे समाज को सहायता करने का गुण है। कांग्रेस पार्टी ने जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया है।

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तीर्थंकर पंचकल्याणक महोत्सव, महामस्तकाभिषेक और सुमेरु पर्वत लोकार्पण कार्यक्रम

हुब्बल्ली तालुक के वरूर नवगृह तीर्थक्षेत्र में 12 दिवसीय तीर्थंकर पंचकल्याणक महोत्सव, महामस्तकाभिषेक और सुमेरु पर्वत लोकार्पण कार्यक्रम के समापन समारोह का उद्घाटन करते श्रम एवं जिला प्रभारी मंत्री संतोष लाड।

जिला प्रभारी मंत्री संतोष लाड ने कहा

हुब्बल्ली. श्रम एवं जिला प्रभारी मंत्री संतोष लाड ने कहा कि वरूर तीर्थक्षेत्र एक धार्मिक स्थल के रूप में उभरा है। महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम से धारवाड़ जिले को पुण्य प्राप्त हुआ है।

वे रविवार को तालुक के वरूर नवगृह तीर्थक्षेत्र में 12 दिवसीय तीर्थंकर पंचकल्याणक महोत्सव, महामस्तकाभिषेक और सुमेरु पर्वत लोकार्पण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि अहिंसा को अपना सर्वोच्च सिद्धांत मानने वाले जैन समुदाय में संकट के समय अन्य सभी समाजों को एकजुट करने और पूरे समाज को सहायता करने का गुण है। कांग्रेस पार्टी ने जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया है। संविधान के जरिए महिलाओं को संपत्ति का स्वामित्व बना दिया है।

लाड ने कहा कि यह नवग्रह तीर्थक्षेत्र देश में सभी धर्मों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने का पहला उदाहरण है। इस तीर्थ क्षेत्र से लोगों को धार्मिक लाभ मिला है।

जिलाधिकारी दिव्य प्रभु ने कहा कि मुझे इस तरह के महान धार्मिक कार्यक्रम पर काम करने का अवसर मिलने पर खुशी है। मनुष्य ने पक्षियों को देखकर उडऩा सीखा और मछलियों को देखकर तैरना सीखा परन्तु अभी तक यह नहीं सीखा है कि दूसरे इंसान से कैसे प्यार किया जाए परन्तु इस क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रमों और आचार्यों की शिक्षाओं से कैसे प्रेम किया जाए और कैसे प्रेम प्राप्त किया जाए इस बारे में मार्गदर्शन प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। मनुष्य को अपने बारे में चिंता करना छोड़ कर दूसरे और समाज के बारे में सोचना चाहिए। आचार्यों की शिक्षाओं ने उन्हें अच्छे कार्य करना सिखाया है।

बेंगलूरु कैलाश आश्रम के राजेश्वरनंदी स्वामी ने कहा कि जैन धर्म में भोग-विलास नहीं है, केवल त्याग है। गुणधर नंदी महाराज ने त्याग के माध्यम से ही इतने बड़े धार्मिक और शैक्षणिक संस्थान का निर्माण कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

वरूर नवगृह तीर्थक्षेत्र के गुणधरनंदी महाराज ने कहा कि महामस्तभिषेक की लागत को निकालकर शेष राशि का उपयोग धारवाड़ जिले के सभी सरकारी कन्नड़ प्राथमिक विद्यालयों में टाइलें हटाकर कंक्रीट स्लैब बिछाने के लिए किया जाएगा।

समाज सेवी एवं महामस्तभिषेक समिति के महामंत्री महेंद्र सिंघी ने इस आयोजन में सहयोग करने वाले सभी अधिकारियो का प्रेस साथियो सहित अन्य सभी सहयोगी संस्था का आभार जताया।

इस अवसर पर पूरे कार्यक्रम की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाले पुलिस अधिकारी मुरुगेशा चन्ननवर को मंत्री लाड ने सम्मानित किया।

पूर्व विधायक एस.आई. चिक्कनगौडर को आचार्य ने सम्मानित किया। जिला परिषद के सीईओ भुवनेश्वर पाटिल, जिला पुलिस अधीक्षक गोपाल ब्याकोड, अपर जिलाधिकारी गीता, सहायक आयुक्त शालम हुसैन, प्रचार समिति चेयरमैन विमल तालिकोटी, संदीप क्यातनवर, प्राचार्य आनंद कुलकर्णी, एसआर पाटिल, तवनप्पा अष्टगी, प्रेमनाथ चिक्कतुम्बल, विजयगौड़ा पाटिल, कुमुदा नागभूषण आदि उपस्थित थे।

राजर्षि शिक्षा महर्षि उपाधि

कार्यक्रम के अंतिम दिन रविवार को तीर्थंकरों का केसरिया, सफेद और हरे रंग के जल से महामस्तकाभिषेक किया गया। 9999 होम कुंडों में हवन किया गया। गणतंत्र दिवस के अवसर पर 405 फुट ऊंचे सुमेरु पर्वत पर झंडा फहराया गया। साथ ही जैन धर्म का पंचरंगी ध्वज भी फहराया गया। आचार्य ने 12 दिनों तक अनुष्ठान विधिपूर्वक संपन्न करने वाले धनी पंडित मधुर शास्त्री दीपक पंडित व अन्य लोगों को सम्मानित किया। कुंथु सागर महाराज ने शिक्षा और धार्मिक क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों के लिए गुणधर नंदी महाराज को राजर्षि और शिक्षा महर्षि की उपाधि प्रदान करके सम्मानित किया।