गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश शासन ने इस दुर्गम अराकू घाटी के आदिवासी किसानों के उत्थान के उद्देश्य से कई प्रयास किए हैं। साल 2008 में अराकू कॉफी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गाहक हासिल हो सकें, इसके लिए “अराकू ओरिजिनल्स” की स्थापना की गई थी। इस परियोजना के जरिये आदिवासी युवाओं को रोजगार देना भी उद्देश्य था। हालांकि यह ब्रांड 90फीसदी से ज्यादा विदेशों में ही निर्यात किया जाता है लेकिन अब देश के बाजारों में ले आने की कोशिश भी की जा रही है।