रात उठकर पानी की जगह पिया एसिड
पिता का कहना है कि उनकी पत्नी रचना ने दाल बाटी बनाई थी। रात को 12 बजे माखन बिस्तर पर अपने पिता के साथ सो रहा था। इसी दौरान उसे प्यास लगी तो पिता ने पानी दे दिया। फिर वह वापस सो गया। इसके बाद फिर प्यास लगी तो करीब डेढ़ बजे उसने फिर से पानी मांगा। मां ने पानी पिलाकर सुला दिया। रात तीन बजे फिर उसे अचानक प्यास लगी उसने कूलर के पास रखी एसिड की बोतल को पानी समझकर पी लिया। कुछ देर सोने के बाद अचानक उसके गले में जलन हुई तो उसने मां उठाकर कहा कि उसे उल्टी आ रही है। मां उल्टी कराने बाथरूम ले गई तो उसमें से एसिड की बदबू आई। जिसके बाद पति को उठाया। जब बच्चे से पूछा तो उसने एसिड वाली बोतल को इशारा करके बताया। इसके बाद आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया।
फेरी वाले से खरीदी थी एसिड की बोतल
पिता कैलाश ने बताया कि घर की साफ-सफाई के लिए दोपहर में उसने फेरी वाले से सर्फ और एसिड की बोतल खरीदी थी। इसके बाद उसे कूलर के पास रख दिया था। जिसको बेटे ने गलती से पी लिया और उसकी जान चली गई। कैलाश विदिशा के रहने वाले हैं। वह शहर के बाणगंगा स्थित एक फैक्ट्री में काम करते हैं। मां भी नौकरी करती हैं।