
तलवार,चाकू या डेगर रखने की मिली अनुमति,धारदार हथियार के लिए लायसेंस का पहला मामला
इंदौर.धारदार हथियार रखने के लिए पिछले सात वर्षो से क़ानूनी लड़ाई लड़ रहे शख्स को अब लायसेंस दिए जाने की अनुशंसा की गई है।सम्भागआयुक्त कोर्ट से जारी हुए आदेश के बाद वह इस लायसेंस के आधार पर धारदार हथियार लेगा,इंदौर में 1967 से अब तक धारदार हथियार के लिए तीसरी बार लायसेंस जारी किया गया है।जबकि पहली बार ऐसा लायसेंस जारी किया गया है जिसमे हथियार पर यूनिक नम्बर भी दर्ज होगा।इसके लिए किस प्रक्रिया का पालन हो इस पर फिलहाल अफसर मंथन कर रहे है।
लायसेंस जारी होगा
दरअसल इंदौर के विजय नगर निवासी सुभाष सिंह तोमर पिछले सात सालों से धारदार हथियार रखने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे।इसके लिए सिंह ने उच्च न्यायालय की भी शरण ली,दिल्ली गृह मंत्रालय तक के भी चक्कर लगाए और कई जानकारी एकत्रित की।लेकिन हर बार अलग अलग कारणों से जानकारी या नियम नहीं होने से उनके आवेदन को ख़ारिज किया गया।लेकिन हाल ही में सम्भाग आयुक्त कोर्ट से इसके लिए आदेश जारी किया गया है।इसके बाद चर्चा का विषय भी बन गया है।संभागआयुक्त कार्यालय से जारी आदेश को फिलहाल एडीएम दफ्तर भेजा गया है।यहां से आवेदक को निर्देश प्राप्त होंगे कि किस तरह का हथियार लिया जाए और कैसे उसका रिकार्ड सरकारी विभाग में दर्ज हो।
कोर्ट से दो बार ख़ारिज
आवेदक सुभाष सिंह तोमर के अनुसार वह पेशे से तकनीकी प्रशिक्षक है , उन्हें झाबुआ जैसे कई सुदूर ग्रामीण इलाकों में शिक्षको को प्रशिक्षण देने जाना पड़ता है।इसलिए धारदार हथियार रखने के लिए लायसेंस की मांग की थी।इसके लिए अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव के जरिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाइ थी,जिसे कोर्ट ने इसे पब्लिक इंटरेस्ट मानते हुए जनहित याचिका में बदल दिया।लेकिन डबल बेंच ने इस पर विचार करते हुए टिपण्णी की कि यह निजी मामला है इसे पब्लिक इंटरेस्ट के तौर पर नहीं देखा जा सकता है।और लिबर्टी के साथ खारिज कर दिया।इसके बाद मैंने फिर एक याचिका दायर की कि धारदार हथियार के लायसेंस के लिए कोई प्रक्रिया स्थापित की जाए।इस पर कोर्ट ने एडीएम को चार सप्ताह में इस प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश दिए ।
डीसीपी की रिपोर्ट के आधार पर आवेदन ख़ारिज
तोमर ने बताया कि एडीएम ने कोर्ट के आदेश पर प्रक्रिया शुरू तो कि लेकिन डीसीपी जोन टू की टिप पर लायसेंस का आवेदन ख़ारिज कर दिया।जबकि डीसीपी की रिपोर्ट का महत्त्व सिर्फ इतना था कि पता चले कि मुझे पर अपराधिक केस तो नहीं है।लेकिन डीसीपी ने तो नॉट रिकमंड कर दिया और इसी आधार पर एडीएम ने लायसेंस के आवेदन को ख़ारिज कर दिया।
धारदार हथियार के लिए 1974 में जारी हुआ था नोटिफिकेशन
एडीएम कोर्ट से भी आदेश ख़ारिज होने के बाद संभाग आयुक्त कोर्ट में धारदार हथियार के लायसेंस की मांग के लिए आवेदन किया गया। यहां लायसेंस को लेकर कोई स्पष्ट प्रक्रिया नही थी, लिहाजा दिल्ली गृह मंत्रालय से इसके लिए प्रक्रिया की जानकारी चाही गई लेकिन सूचना के अधिकार में कोई जानकारी नहीं मिली। उसके ऊपर अपील करने पर जानकारी मिली कि इससे पहले भी धारदार हथियार के लिए लायसेंस दिए गए है।इसको लेकर 1974 में गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था।लेकिन वर्तमान में इसके सन्दर्भ में कोई जानकारी नहीं है।लायसेंस के लिए आवेदन करने वाले पोर्टल पर भी कोई विकल्प नहीं है।लिहाजा कई बार कार्यालयों में तो यह भी कहा गया कि आप बन्दूक का लायसेंस ले लो।लेकिन तोमर अडे रहे कि मुझे तो धारदार हथियार का ही लायसेंस चाहिए।
भारत सरकार की चिट्ठी बनी सहायक
संभाग आयुक्त कार्यालय से जारी आदेश में टिपण्णी की है कि भारत सरकार के राजपत्र 15-07-2016 का अवलोकन करने से यह तथ्य प्रकट हुआ कि अग्नायुध के अतिरिक्त तेज धार अथवा घातक शस्त्र अर्थात तलवार (जिसके अंतर्गत बल्लम और बरछा )है। जिसकी नवीन अनुज्ञप्ति जारी किए जाने हेतु अपने क्षेत्र के अंतर्गत जिला मजिस्ट्रेट सशक्त है। पूर्व में रामबाबू पिता जीएल चौहान निवासी स्टेशन रोड महू को तलवार की शस्त्र अनुज्ञप्ति जारी की गई थी।अतः भारत सरकार के राजपत्र दिनांक 15-07-2016 के अनुपालन में अपीलांट (आवेदक) को शस्त्र अनुज्ञप्ति जारी किए जाने सम्बंधी कार्रवाई करते हुए प्रकरण का निराकरण करे।
बंदूक के बाद अब चाकू,तलवार और डेगर की मांग
बहरहाल अब तक चम्बल और उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रो में रायफल या रिवाल्वर के लिए लायसेंस लेना शान माना जाता था।और इसके लिए कई तरह के जतन भी होते थे।लेकिन धारदार हथियार के लायसेंस के लिए सात साल की क़ानूनी लड़ाई का यह पहला मामला है।कई बार तो आवेदकों को यह भी कहा गया कि लायसेंस इसलिए नहीं दिया जा सकता क्यूंकि चाकू या तलवारों की बिक्री का कोई रिकार्ड नहीं होता।लिहाजा इसके मानक कैसे तय होंगे।लेकिन अब इसको लेकर आदेश जारी किया गया है।
Published on:
20 Sept 2024 10:09 am
बड़ी खबरें
View Allइंदौर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
